केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि निर्धारित मानदंडों के तहत भारतीय रेल के लोको पायलट के कार्य करने के घंटे और दशाएं हैं। दरअसल, नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले लोको पायलट की कार्यदशाओं पर टिप्पणी की थी।
मंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘लोको पायलट के कार्य के घंटों पर सावधानीपूर्वक नजर रखी जाती है। पायलट को ट्रिप पूरे करने के बाद समुचित रूप से आराम दिया जाता है। इनके औसत कार्य के घंटे निर्धारित अवधि के तहत ही हैं। इस साल जून में उनका औसत 8 घंटे से कम है। केवल मजूबरियों की स्थिति में ही ट्रिप के दौरान उनके कार्य के घंटे निर्धारित समय से अधिक होते हैं।’
मंत्री ने दावा किया कि विपक्ष झूठी खबरों के आधार पर रेल परिवार का मनोबल गिराने का प्रयास कर रहा है। इस महीने की शुरुआत में गांधी ने भारतीय रेल के लोको पायलट से मुलाकात की था।
उन्होंने कहा था ‘लोको पायलट को मूलभूत सुविधाओं जैसे शौचालय से वंचित रखा जाता है। उनके कार्य करने के घंटों की कोई सीमा नहीं है। उन्हें अवकाश भी नहीं मिलता है। इससे वे शारीरिक व मानसिक रूप से थक रहे हैं। बीमार हो रहे हैं। ऐसी स्थितियों में लोको पायलट को रेलगाड़ी चलानी पड़ रही है।’