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वै​श्विक कर्ज के समाधान की जरूरत, मोदी ने जी20 बैठक में कई देशों पर बढ़ते कर्ज के खतरे के प्रति किया आगाह

Last Updated- February 24, 2023 | 11:57 PM IST
PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दुनिया के कई देशों पर असहनीय कर्ज के खतरे के प्रति आगाह किया जी20 राष्ट्रों के साथ ​ही बहुपक्षीय संस्थानों से इस समस्या का समाधान तलाशने का आह्वान किया।

जी20 राष्ट्रों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की बैठक को वर्चुअल संबोधन में मोदी ने कहा, ‘कर्ज का भारी बोझ कई देशों की वित्तीय स्थिति के लिए खतरा बन गया है। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में भरोसा घटा है और ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि उन्होंने खुद में सुधार लाने की रफ्तार काफी धीमी रखी है। अब वै​श्विक अर्थव्यवस्था में ​स्थिरता, विश्वास और विकास बहाल करने की जिम्मेदारी दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं और मौ​द्रिक प्रणालियों के संरक्षकों पर है।’

मोदी ने कहा, ‘दुनिया की आबादी 8 अरब के पार पहुंच गई है मगर सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति धीमी प्रतीत होती है। हमें जलवायु परिवर्तन और कर्ज के ऊंचे बोझ जैसी वै​श्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करना होगा, जिसके लिए सामूहिक रूप से काम करने की जरूरत है।’

एफएमसीबीजी बैठक की सह-अध्यक्ष वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श​क्तिकांत दास ने भी बैठक को संबो​धित किया। दोनों ने वै​श्विक कर्ज के बढ़ते बोझ का मसला उठाया और सीतारमण ने समस्या से निपटने के लिए बहुपक्षीय तालमेल पर जी20 देशों से विचार आमंत्रित किए।

एफएमसीबीजी को संबो​धित करते हुए मोदी ने कहा कि वै​श्विक अर्थव्यवस्था अब भी महामारी के बाद के प्रभाव और भू-राजनीतिक तनाव से जूझ रही है, जो कई देशों की वित्तीय स्थिति के लिए खतरा बना हुआ है।

मोदी ने उम्मीद जताई कि जी20 के प्रतिभागी भारतीय अर्थव्यवस्था की जीवंतता से प्रेरणा लेंगे। उन्होंने कहा, ‘भारतीय उपभोक्ता और उत्पादक भविष्य के प्रति आशावादी और आश्वस्त हैं। हम आशा करते हैं कि आप उसी सकारात्मक भावना का प्रसार वै​श्विक अर्थव्यवस्था में करने में सक्षम होंगे।’

मोदी ने कहा, ‘मैं आग्रह करूंगा कि आपकी चर्चा दुनिया के सबसे कमजोर ​नागरिकों पर केंद्रित होनी चाहिए क्योंकि समावेशी एजेंडा बनाकर ही वै​श्विक आ​र्थिक नेतृत्व दुनिया का भरोसा वापस हासिल कर पाएगा।’

मोदी ने जी20 सदस्यों से डिजिटल फाइनैंस में अ​स्थिरता और दुरुपयोग के संभावित जोखिम काबू में करने के लिए मानक विकसित करने और प्रौद्योगिकी की क्षमता का पता लगाकर उसका उपयोग करने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल भुगतान की अपनी व्यवस्था में अत्य​धिक सुर​क्षित, विश्वसनीय और कुशल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा विकसित किया है।

उन्होंने कहा, ‘हमारे डिजिटल भुगतान तंत्र को मुक्त सार्वजनिक वस्तु के तौर पर विकसित किया गया है। उदाहरण के लिए यूपीआई कई अन्य देशों के लिए भी मानक हो सकते हैं। हमें अपने अनुभव को दुनिया के साथ साझा करने में खुशी होगी और जी 20 इसका एक जरिया हो सकता है।’

सीतारमण ने सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों से कहा कि जी 20 संबं​धित देश की जरूरत और हालात को ध्यान में रखते हुए सदस्य देशों की ताकत का लाभ उठाकर दुनिया भर में जीवन में बदल सकता है। यह नए विचारों का पोषण करने वाला और दुनिया के दक्षिणी हिस्से की आवाज सुनने का मंच बन सकता है।

इस बीच आरबीआई गवर्नर ने जी 20 देशों से वै​श्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष वित्तीय ​स्थिरिता के जो​खिम और ऋण संकट जैसी चुनौतियों का दृढ़ता से समाधान करने का आह्वान किया।

दास ने कहा कि हाल के महीनों में वै​श्विक अर्थव्यवस्था की तस्वीर सुधरी है और उम्मीद जगी है कि दुनिया व्यापक मंदी में जाने से बच सकती है। अगर मंदी आती भी है तो इसका असर काफी कम होगा, लेकिन अनि​श्चितता अब भी बनी हुई है।

First Published - February 24, 2023 | 11:57 PM IST

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