हड़प्पा इनसाइट्स (Harappa Insights survey) के एक सर्वे में पाया गया है कि ज्यादातर भारतीय कर्मचारी अपने बॉस के ‘खराब व्यवहार’ के कारण अपनी नौकरी छोड़ देते हैं। इस सर्वे में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने के अलग-अलग कारणों का आकलन किया गया है।
आइयें जानते है किन हालातों में नौकरी छोड़ने को मजबूर होते है कर्मचारी
बॉस का खराब व्यवहार और ऑफिस में तनावपूर्ण या नेगेटिव माहौल
सर्वे के अनुसार, बॉस के खराब व्यवहार और ऑफिस में तनावपूर्ण या नेगेटिव माहौल ‘ग्रेट इंडियन रेसिग्नेशन’ के प्रमुख कारणों में है। इस सर्वे में उस आम धारणा को चुनौती दी गई है जिसमें कहा जाता है कि कर्मचारी मुख्य रूप से बेहतर अवसरों या हाई सैलरी के लिए नौकरी छोड़ते हैं।
सर्वे में शामिल 58 प्रतिशत पार्टिसिपेंट्स ने बताया कि उनके नौकरी छोड़ने का प्रमुख कारण बॉस का ख़राब व्यवहार है, जो सहकर्मियों के बीच अनहेल्थी प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देते हैं तथा और उनकी मेहनत को दरकिनार करते हैं।
इसके अलावा, 54 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने ऑफिस की राजनीति और कामचोर कर्मचारियों के कारण ऑफिस में नेगेटिव माहौल को नौकरी छोड़ने का सबसे प्रमुख कारण बताया।
रूकी हुई कैरियर ग्रोथ
वहीं, सर्वे में शामिल 42 प्रतिशत लोगों ने अपने इस्तीफे के पीछे प्रमुख कारण के रूप में स्थिर यानी रूकी हुई कैरियर ग्रोथ का हवाला दिया। इसका मतलब यह है कि उन्होंने महसूस किया कि उनका प्रोफेशनल ग्रोथ एक जगह पर आ कर रूक गया है।
इसके अलावा 33 प्रतिशत लोगों का मानना है कि कर्मचारियों और उनकी कंपनियों के मूल्यों (values) के बीच एक मेल नहीं था। इस परेशानी ने उन्हें अपने ऑफिस के मुख्य सिद्धांतों से अलग महसूस कराया, जिससे वे कहीं और अवसरों की तलाश करने लगे।
कम सैलरी और वर्क फ्रॉम होम करने की समस्या
हैरानी की बात है कि सर्वे में शामिल केवल 20 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने बेहतर वेतन के लिए अपनी नौकरी छोड़ने का हवाला दिया है। कोविड महामारी के बाद शुरू हुए वर्क फ्रॉम होम के चलन ने भी कर्मचारियों के कंपनी में टिके रहने पर असर डालना शुरू कर दिया है। 11 प्रतिशत ने इस्तीफा देने के अपने फैसले में वर्क फ्रॉम होम या दूर से काम करने का विकल्प नहीं होने की वजह को प्रमुख बताया है।
86 प्रतिशत कर्मचारियों की अगले 6 महीने में नौकरी बदलने की योजना
सर्वे में यह भी पाया गया कि 86 प्रतिशत भारतीय कर्मचारी अगले छह महीने में अपनी नौकरी बदलने की योजना बना रहे हैं। सर्वें में शामिल 61 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने बेहतर कार्य-जीवन संतुलन के बदले कम वेतन स्वीकार करने की भी इच्छा व्यक्त की है।
सर्वे के निष्कर्ष में पाया गया कि बॉस के ख़राब व्यवहार, ऑफिस में तनावपूर्ण माहौल, करियर ग्रोथ ‘ग्रेट इंडियन रेसिग्नेशन’ के पीछे की मुख्य वजहें हैं। जबकि नौकरी छोड़ने की मुख्य वजह में सैलरी का बढ़ना शामिल नहीं है। वहीं, काम और निजी जीवन के बीच बेहतर संतुलन कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ी चिंता है।