इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम (Electoral Bond Scheme) पर मचे हंगामे के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सीनियर नेता और केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने इसका समर्थन किया है।
गडकरी ने योजना का समर्थन करते हुए कहा कि यह सच्चाई है कि चुनाव लड़ने के लिए धन की आवश्यकता होती है। बीजेपी नेता अरुण जेटली के वित्त मंत्री रहते हुए तैयार की गई चुनावी बॉन्ड योजना का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना को खत्म करने से इलेक्शन में काले धन का इस्तेमाल बढ़ेगा।
केंद्रीय मंत्री ने एनडीटीवी के साथ इंटरव्यू में कहा इलेक्टोरल बॉन्ड स्किम का मुख्य उद्देश्य यह था कि राजनीतिक पार्टियों को पैसा इस योजना के जरिये मिलेगा जिससे अर्थव्यवस्था को नंबर एक पर ले जाने में मदद मिलेगी।
चुनाव लड़ने के लिए हर पार्टी को उस पैसे की जरूरत: गडकरी
गडकरी ने कहा, “इसमें गलत क्या है? चुनाव लड़ने के लिए हर पार्टी को उस पैसे की जरूरत होती है।’ हालांकि, उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड स्किम पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। काले धन का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा, “अगर आप बॉन्ड की अनुमति नहीं देंगे तो लोग पैसे को ‘दो नंबर’ (काला धन) के रूप में लेंगे।”
इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम पर अब तक किसने और क्या कहा ?
1) छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने इसे “साल का सबसे बड़ा घोटाला” करार दिया। उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, “भाजपा को लगता है कि वह लोकसभा चुनाव हार रही है और इसलिए विपक्ष के खिलाफ नई रणनीति अपना रही है।”
2) गडकरी ने कहा, ”इलेक्टोरल बॉन्ड अमीर लोग खरीदेंगे। वे अमीर ठेकेदार होंगे। या फिर व्यापार या उद्योग में बड़ा नाम कमाया है। इसलिए इसे उससे जोड़ना (क्विड प्रो क्वो) सही नहीं है।”
3) इलेक्शन कमीशन की तरफ से हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को इन बॉन्ड के जरिये सबसे ज्यादा धन प्राप्त हुआ है। यह राशि 2018 में स्किम के बाद से कुल 6,986.5 करोड़ रुपये है।
इसके बाद इस लिस्ट में पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) का स्थान है। इसके अलावा कांग्रेस को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम के जरिये अब तक 1,397 करोड़ रुपये भारत राष्ट्र समिति (BRS) को 1,322 करोड़ रुपये मिले है।
4) सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, चुनाव आयोग ने एक डेटा डंप सार्वजनिक किया जिसमें मान्यता प्राप्त और गैर-मान्यता प्राप्त दोनों तरह के 523 राजनीतिक दलों की जानकारी शामिल थी।
इलेक्टोरल बॉन्ड बेचने और भुनाने की अनुमति देने वाले एकमात्र बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर चुनाव आयोग ने पिछले सप्ताह दूसरा डेटासेट भी जारी कर दिया था।
5) इलेक्टोरल बॉन्ड पर भारतीय स्टेट बैंक की दूसरी लिस्ट से पता चला है कि मार्टिन के फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज पीआर द्वारा द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) को दिया गया चंदा सबसे ज्यादा है।