शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में जानकारी दी गई कि पूरे गेमिंग बाजार की तुलना में पैसे वाले प्रतिस्पर्धी खेल(पीसीजी) छह गुना तेजी से बढ़ रहे हैं। इसकी 31.9 फीसदी वार्षिक वृद्धि दर है जबकि पूरा गेमिंग बाजार 4.9 फीसदी की सालाना दर से बढ़ रहा है।
खेल डेटा कंपनी न्यूजे और गेमिंग कंपनी एमपीएल द्वारा जारी ग्लोबल पेड कॉम्पिटिटिव गेमिंग रिपोर्ट 2023 के अनुसार, पीसीजी बाजार के 2024 तक वैश्विक स्तर पर 16 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि पूरे मोबाइल गेमिंग बाजार के 223 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि पिछले तीन वर्षों में खेलों पर उपभोक्ता खर्च में लगभग 40 फीसदी की वृद्धि हुई है। यह गति 2024 में भी जारी रहने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भुगतान प्रतिस्पर्धी गेमिंग वर्तमान में वैश्विक मोबाइल गेमिंग बाजार का 7 फीसदी है और यह 2024 तक दोगुना होकर 14 फीसदी होने की उम्मीद है।’
इसने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कौशल वाले खिलाड़ी जिन्होंने कम से कम एक बार पैसे वाले प्रतियोगिताओं में भाग लिया है, पारंपरिक खिलाड़ियों की तुलना में अधिक व्यस्त थे।
औसतन, खिलाड़ियों ने प्रति सप्ताह 5.4 घंटे कौशल-आधारित खेल खेले। दूसरी ओर पारंपरिक खिलाड़ी जो पैसे वाले खेल नहीं खेलते हैं, प्रति सप्ताह 4.4 घंटे खेलते हैं। इसके अलावा, भारत में 40 फीसदी पारंपरिक खिलाड़ी भविष्य में कौशल-आधारित गेम खेलने की उम्मीद करते हैं।
सभी क्षेत्रों में मोबाइल क्षेत्र सबसे बड़ा और सबसे तेजी से विकास करने वाला क्षेत्र था। 2021 में वैश्विक गेमिंग उद्योग ने देखा कि 2.8 अरब मोबाइल गेमर्स ने वैश्विक गेमिंग राजस्व में 50 फीसदी से अधिक का योगदान दिया है। 2024 तक इनके 113 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
2021 में पैसे वाले खेल में 1.4 अरब खिलाड़ी थे और 2024 तक 1.5 अरब तक बढ़ने की उम्मीद है। कंसोल गेमिंग में 2021 में 87.1 करोड़ खिलाड़ी थे और 2024 में बढ़कर 94.3 करोड़ होने का अनुमान है।