प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली गठजोड़ सरकार की प्राथमिकता सूची में स्वास्थ्य मंत्रालय और औषधि विभाग की प्राथमिकता सूची में आयुष्मान भारत का विस्तार और संशोधित अनुसूचित एम (औषधि उत्पादन की गुणवत्ता से संबंधित) को लागू करना हो सकता है।
नई सरकार में पिछली भाजपा सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी – पीएमजेएवाई) को जोरदार ढंग से आगे बढ़ाया जाना तय है। सूत्रों के मुताबिक विश्व का सबसे बड़ा स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम बताई जा रही इस योजना में कवरेज का विस्तार तय है। भाजपा ने घोषणापत्र में वादा किया था कि सत्ता में वापस आने पर इस योजना का विस्तार वरिष्ठ नागरिकों और ट्रांसजेंडरों तक किया जाएगा।
पार्टी ने अपने घोषणापत्र में कहा था, ‘हम आयुष्मान भारत योजना का विस्तार वरिष्ठ नागरिकों तक करेंगे और उन्हें नि:शुल्क और गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराएंगे। हम ट्रांसजेंडर की जरूरतों को पूरा करने के लिए गरिमा गृहों का विस्तार करेंगे। हम पहचान पत्र जारी करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया जाए। इसके अलावा सभी योग्य ट्रांसजेंडर व्यक्ति विशेषों को आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया जाएगा।’
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएसए) के डेशबोर्ड पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार अभी इस योजना के तहत 34.5 करोड़ लोगों को अस्पताल में भर्ती होने पर 5 लाख रुपये तक का नि:शुल्क स्वास्थ्य बीमा मुहैया करवाया जाता है।
उद्योग के सूत्रों के अनुसार केंद्र इस योजना के तहत बीमा कवरेज राशि को पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने पर विचार कर रही है। इस योजना के बारे में अस्पतालों की शिकायत यह है कि उन्हें इलाज का भुगतान देरी से प्राप्त हो रहा है। लिहाजा इन खामियों को दूर करके कोष जुटाना मुख्य चुनौती हो सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस योजना के कार्यान्वयन और लाभार्थियों की पहचान, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने और योजना लागू करने के तरीकों की प्रगति पर निगरानी रखने के लिए मार्च में 16 सदस्यीय समिति गठित की थी।
सूत्रों के अनुसार रसायन उर्वरक विभाग के तहत आने वाले औषधि विभाग की प्राथमिकता सूची में संशोधित अनुसूची एम को लागू करना प्राथमिकता है। इस अनुसूची में गुणवत्ता वाली दवाओं का उत्पादन सुनिश्चित किया जाता है और इसमें दवा उत्पादों के लिए बेहतर निर्माण प्रक्रियाएं (जीएमपी) शामिल है।
संशोधित अनुसूचित एम में किए गए प्रमुख बदलावों में औषधि गुणवत्ता प्रणाली (पीक्यूएस), गुणवत्ता जोखिम प्रबंधन (क्यूआरएम), उत्पाद गुणवत्ता समीक्षा (पीक्यूआर), उपकरणों की पात्रता और सत्यापन और सभी औषधि उत्पादों के लिए कंप्यूटरीकृत भंडारण प्रणाली है।
सूत्रों ने संकेत दिया कि औषधि विभाग संशोधित औषधि तकनीक उन्नयन सहायता (आरपीटीयूएएस) योजना पर कार्य करेगा। इस योजना का उद्देश्य औषधि निर्माताओं के लिए औषधि मानदंडों के अनुकूल और तकनीकी क्षमताओं के बेहतर बनाने के लिए तकनीकी सहायता मुहैया कराना है। अन्य उच्च प्राथमिकता में दवा मार्केटिंग के तरीकों की सामान्य संहिता (यूपीपीएमपी) 2024 को उचित ढंग से लागू करना है।
इसके नियमों के तहत अनैतिक तरीके से दवाओं की मार्केटिंग पर रोक है और मेडिकल रिप्रेंजिटेटिव किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञों को प्रलोभन नहीं दे सकते। इस सिलसिले में प्रक्रिया शुरू हो चुकी है लेकिन एक चुनौती इस योजना को लागू करना है।