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Manipur Violence: शांति स्थापित करने के लिए सक्रिय हुई केंद्र सरकार, 5000 अर्धसैनिक कर्मी जाएंगे मणिपुर

मणिपुर की राजधानी इंफाल (पूर्व और पश्चिम), विष्णुपुर, थाउबल और काकचिंग जैसे जिलों में 16 नवंबर को अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया था।

Published by
अर्चिस मोहन   
Last Updated- November 18, 2024 | 10:36 PM IST

Manipur Violence: मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है। हालात को संभालने में राज्य सरकार की मदद करने को अर्धसैनिक बलों के 5,000 कर्मी भेजे जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लगातार दूसरे दिन मणिपुर में बिगड़ती स्थिति को संभालने के लिए शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें शांति स्थापित करने के सख्त निर्देश दिए। राज्य सरकार ने हिंसा प्रभावित सात जिलों में अगले दो दिन तक इंटरनेट बंद करने का फैसला लिया है।

विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर मणिपुर में शांति बहाल करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया और इसके लिए गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की। पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी राज्य का दौरा कर हालात सामान्य करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया।

कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को सबसे पहले मणिपुर के सभी दलों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करनी चाहिए और उन्हें 25 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले राष्ट्रीय स्तर पर भी सर्वदलीय बैठक बुलाकर मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए।

मणिपुर की राजधानी इंफाल (पूर्व और पश्चिम), विष्णुपुर, थाउबल और काकचिंग जैसे जिलों में 16 नवंबर को अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया था।

‘कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी’ (सीओसीओएमआई) के सदस्यों की अगुआई में लोगों के एक समूह ने सोमवार को कर्फ्यू आदेशों का उल्लंघन करते हुए इंफाल पश्चिम जिले में कई सरकारी कार्यालयों के दरवाजों पर ताले जड़ दिए। ये लोग जिरीबाम में तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हाल ही में हुई हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। यह इंफाल घाटी क्षेत्र में बहुसंख्यक जातीय समूह मेइती का प्रभावशाली संगठन है। इंफाल घाटी क्षेत्र में इंफाल पश्चिम सहित पांच जिले आते हैं।

अधिकारियों ने बताया कि जिरीबाम जिले में संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा मारे गए लोगों और उनके परिवारों के लिए न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शनकारी लाम्फेलपाट में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय परिसर में घुस गये और कार्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला जड़ दिया।

ताकयेल स्थित जैव संसाधन एवं सतत विकास संस्थान (आईबीएसडी) के मुख्य कार्यालय और अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी निदेशालय के दरवाजे पर भी प्रदर्शनकारियों ने ताले जड़ दिए। इस बीच, राज्य में ‘कुकी जो हमार’ उग्रवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की मांग को लेकर इंफाल के ख्वाइरामबंद बाजार में सीओसीओएमआई द्वारा दिया जा रहा अनिश्चितकालीन धरना तीसरे दिन भी जारी रहा।

इस बीच, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य में कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिए सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के मंत्रियों और विधायकों की बैठक बुलाई।

एक दिन पहले ही 60 सदस्यीय विधान सभा में सात विधायकों वाली नैशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने हालात से निपटने में नाकाम रहने का आरोप लगाकर भाजपा नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। पार्टी अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा ने सरकार से हटने के फैसले पर पुनर्विचार करने की बात कही है।

First Published : November 18, 2024 | 10:32 PM IST