महाराष्ट्र रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (MahaRERA) होने के बावजूद अक्सर देखने को मिलता है कि बिल्डर विभिन्न माध्यमों से ग्राहको को लुभावने वादे करते हैं जो सही नहीं होते हैं।
रेरा में पंजीकृत रियल एस्टेट एजेंट की तरफ से भी कई बार ग्राहकों को गलत जानकारी दी जाती है। इस बात को देखते हुए प्राधिकरण अब उन्ही लोगों को एस्टेट एजेंट का लाइसेंस देगा जिनको इस क्षेत्र की पूरी जानकारी होगी। इसके लिए रियल एस्टेट एजेंट को परीक्षा पास करनी होगी।
घर खरीदारों तक प्रॉपर्टी की सही जानकारी पहुंच सके, इसके लिए रेरा ने नए एजेंट के साथ ही पुराने एजेंट के लिए भी कोर्स अनिवार्य कर दिया है। एस्टेट एजेंट बनने लिए 1 मई से पहले महारेरा की परीक्षा पास करनी होगी, अप्रैल में यह परीक्षा होगी। रेरा में एजेंट के रूप में रजिस्टर्ड होने के लिए यह परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा।
रेरा ने पहले से रजिस्टर्ड 39 हजार एजेंट को 2 महीने की सहूलियत दी है। मौजूदा एजेंट को 1 सितंबर तक कोर्स पूरा कर प्रमाणपत्र हासिल करने का समय दिया है, जबकि नए एजेंट का रजिस्ट्रेशन केवल परीक्षा पास होने के बाद ही होगा।
अप्रैल के अंत में ऑनलाइन परीक्षा इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन द्वारा आयोजित की जाएगी। इस कोर्स में लोगों को रेरा के नियमों के साथ ही सभी आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी। परीक्षा में बैठने के लिए व्यक्ति को करीब 20 घंटे का ऑनलाइन या ऑफलाइन कोर्स पूरा करना होगा। रेरा के आदेश के बाद 523 लोगों ने कोर्स के लिए आवेदन किया है।
एजेंट को प्रशिक्षित करने के लिए ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ लोकल सेल्फ गवर्नेंस ने सिलेबस तैयार किया है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में लोगों के प्रशिक्षण के लिए संस्थानों के नाम रेरा ने जारी किए हैं। साथ ही, बिल्डरों की संस्था ने भी एजेंट को प्रशिक्षण दे रही है।
महारेरा के अधिकारियों का कहना है कि इस सेक्टर में काम करने वाले एजेंट्स का महारेरा में अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन होने का भी नियम पहले ही बनाया दिया गया था। सभी प्रावधान होने के बाद भी ग्राहकों तक सही जानकारी नहीं पहुंचने के कुछ मामले आ रहे थे।
इन खामियों को दूर करने के लिए अब ग्राहकों के सीधे संपर्क में रहने वाले एस्टेट एजेंट को प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया गया है, ताकि वह ग्राहकों को प्रोजेक्ट और डेवलपर की सही जानकारी मुहैया करवा सकें। परीक्षा में उत्तीर्ण हुए बिना कोई भी व्यक्ति अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी की मार्केटिंग और बिक्री नहीं कर सकता है। साथ ही, उसका रजिस्ट्रेशन भी रेरा में नहीं होगा।
महारेरा के मुताबिक जब तक किसी भी बिल्डिंग प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन रेरा के तहत नहीं हो जाता तब तक कोई भी बिल्डर अपने आने वाले भविष्य के प्रोजेक्ट का विज्ञापन नहीं कर सकता है। इसमें ग्राहकों के फंसने का डर बना रहता है। रेरा ने ये कदम घर खरीदारों की सुरक्षा के लिये उठाया है।
महाराष्ट्र रेरा के मुताबिक उन्हें जानकारी मिली है कुछ बिल्डर अपने विज्ञापनों में रेरा रजिस्टर्ड लिख दे रहे हैं लेकिन उनका रेरा रजिस्ट्रेशन हुआ नहीं है । ये कानूनी तौर पर गलत है इससे ग्राहको को होशियार रहने की जरूरत है।
रेरा ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि परियोजनाओं की सूक्ष्म रूप से निगरानी करने के लिए एक प्रतिष्ठित ऑडिट फर्म को जिम्मेदारी दी गई थी और फर्म ने जिन परियोजनाओं में खामियां पाई हैं उन्हें नोटिस भेजा गया है।
जिन परियोजनाओं को नोटिस भेजा गया है, उनमें सबसे ज्यादा 109 परियोजनाएं उपनगर मुंबई की हैं। इसके बाद ठाणे में 58 परियोजनाएं, पुणे में 56 और मुंबई शहर में 44 परियोजनाएं हैं। बयान में कहा गया कि अगर डेवलपर ने सहयोग नहीं किया तो जांचकर्ता की रिपोर्ट अंतिम मानी जाएगी और कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
अचल संपत्ति अधिनियम के मुताबिक 500 वर्ग मीटर या फिर 8 फ्लैट वाले प्रोजेक्ट को रेरा के तहत रजिस्टर्ड होना जरूरी है। महारेरा की अपील है कि अगर ग्राहकों को इसकी जानकारी होती है तो वो सजग रहकर अपने निवेश को सुरक्षित रख सकते हैं। अगर कोई बिल्डर अपने बिल्डिंग प्रोजेक्ट का विज्ञापन देता है और लिखता है कि रेरा रजिस्टर्ड तो उसके साथ रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर के बारे में ग्राहकों को जानकारी लेने की जरूरत है