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महाराष्ट्र में धारावी के पुनर्विकास को लेकर राजनीति जारी है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) जैसे विपक्षी इस परियोजनाओं में घोटाले का आरोप लगा कर इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं तो दूसरी ओर भाजपा और मनसे जैसे दल उद्धव ठाकरे के विरोध प्रदर्शन को समझौता आंदोलन करार दे रहे हैं। वहीं अदाणी समूह कहा रहा है कि धारावी परियोजना की बोली की शर्त शिवसेना-कांग्रेस गठबंधन वाली सरकार के समय ही तय की गई थी।
एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी के पुनर्विकास परियोजना के मुद्दे पर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रसिद्ध उद्योगपित गौतम अदाणी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस पहले सही ही इस परियोजना का विरोध कर रही है। शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिस तरह से धारावी का पुनर्विकास किया जा रहा है वह मुंबई और महाराष्ट्र के लिए हानिकारक और बुरा है। हमारा विरोध मार्च समझौता मोर्चा नहीं था क्योंकि भाजपा इसका हिस्सा नहीं थी। भाजपा ही समझौते का काम करती है। ठाकरे ने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भेजे गए चंद्रयान से प्रतिभागियों को चांद से लाया गया था।
शनिवार को ठाकरे ने धारावी पुनर्विकास परियोजना को लेकर अदाणी के खिलाफ महामोर्चा निकाला। उद्धव ठाकरे ने कहा कि धारावी पुनर्विकास परियोजना दुनिया का सबसे बड़ा टीडीआर (विकास के लिए भूमि अधिग्रहण) घोटाला है, क्योंकि सरकार अदाणी को 100 करोड़ वर्ग का टीडीआर दे रही है। धारावी में 7 लाख से अधिक लोग रहते हैं, जबकि सर्वे में सिर्फ 95000 लोगों को पात्र घोषित किया गया है। यह वहां रह रहे लोगों को बेघर करने की साजिश है।
यह मुंबई की जमीन हड़प करने वाली परियोजना है। उद्धव ने कहा कि अब आप को समझ में आ गया होगा कि उनकी सरकार क्यों गिराई गई और किसने गद्दारों के लिए 50 खोखे (50 करोड़ रुपए), विमान और होटल के प्रबंध किए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें 50 खोखे कम पड़ गए होंगे इसलिए धारावी का सौदा करने चले हैं।
उद्धव ठाकरे ने पर सीधा वार करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि शनिवार के विरोध मार्च , समझौता मोर्चा (धन उगाही के लिए आंदोलन) था। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने भी उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि सभी प्रोजेक्ट अदाणी को ही क्यों दिए जा रहे हैं ।
पोर्ट और एयरपोर्ट सभी अदाणी का है । प्रोजेक्ट करीब 8 महीने पहले अदाणी को दिया गया, लेकिन महाविकास आगाड़ी ने अभी क्यों मोर्चा निकाला, लगता है अदाणी के साथ इनकी सेटलमेंट नहीं हुई। उद्धव ठाकरे राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि हमें पता नहीं चल रहा है कि अडाणी के चमचे कौन कौन हैं।
राजनीतिक हो हल्ले के बीच अदाणी की धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (डीआरपीपीएल) के प्रवक्ता ने कहा कि ‘धारावी परियोजना एक निष्पक्ष, खुली, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से अदाणी समूह को प्रदान की गई थी। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि निविदा शर्तों को एमवीए सरकार के कार्यकाल के दौरान अंतिम रुप दिया गया था। अंतिम शर्तों को ठेका दिए जाने के बाद बदला नहीं गया है । इसलिए, यह दावा करना गलत है कि बोली विजेता को कोई विशेष लाभ दिया गया है।
बयान में कहा गया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि परियोजना के कुछ पहलुओं के बारे में गलत सूचना फैलाने के लिए एक ठोस प्रयास किया जा रहा है । यह दोहराया गया है कि सभी पात्र किरायेदारों को उचित समाधान दिया जाएगा, जिसका अर्थ है कि वे धारावी में ही अपने नए घरों में चले जाएंगे ।