मुंबई में घर किसी सपने से कम नहीं होता है । कम कीमत वाले सरकारी घर की लॉटरी तो किस्मत वालों को लगती है। लेकिन महाराष्ट्र गृहनिर्माण क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) के मुंबई बोर्ड के 442 लॉटरी विजेताओं ने म्हाडा को घर लौटने का निर्णय लिया है। जिसके कारण लॉटरी में जगह नहीं बना पाने वाले 442 आवेदकों की लॉटरी लग गई है।
म्हाडा की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबकि मुंबई बोर्ड के 2030 घरों की लॉटरी 8 अक्टूबर को जारी हुई है। 2030 घरों के लिए 1,13,811 लोगों ने आवेदन किया था। कई लॉटरी विजेताओं को एक से अधिक घर अलॉट हुए थे, लेकिन नियम के अनुसार विजेता कोई एक घर ही रख सकता है।
इस कारण लॉटरी में एक से अधिक घर जीतने वाले विजेताओं ने एक घर लेकर कर अन्य घर सरेंडर कर दिए हैं। कई लोग घरों के महंगे होने के कारण रुपयों का इंतजाम नहीं कर पाए। इस वजह से भी कुछ घर सरेंडर हुए। वहीं, कुछ आवेदकों ने बैंक से लोन नहीं मिलने के कारण म्हाडा को घर लौटा दिए।
विजेताओं के घर लौटाने के बाद वेटिंग लिस्ट में रहे आवेदकों को एसएमएस के जरिए जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके बाद वेटिंग लिस्ट वाले आवेदकों को घर लेने का अवसर दिया जायेगा। लॉटरी विजेताओं को म्हाडा की ओर से 20 अक्टूबर तक घर स्वीकार करने का मौका दिया गया था।
गौरतलब है कि 2024 की लॉटरी प्रक्रिया के आरंभ में भी म्हाडा को उम्मीद से कम प्रतिसाद मिला था। इसके बाद म्हाडा ने निजी बिल्डरों से मिले 370 घरों की कीमतों में 15 से 25 फीसदी की कटौती की। इस फैसले बाद आवेदकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ। 2023 में भी 333 लॉटरी विजेताओं ने म्हाडा को घर लौटाए थे। लौटाए गए इन घरों की बिक्री नहीं होने के कारण म्हाडा ने 2024 की लॉटरी में इन्हें भी शामिल किया था।