मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल | फाइल फोटो
पिछले पांच दिनों से मराठा आंदोलन की वजह से मुंबई वालों को हो रही परेशानी अब लगभग खत्म हो गई है। मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने अनिश्चितकालीन अनशन के पांचवें दिन सरकार से अपनी ज्यादातर मांगें मनवा लीं और जीत का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि बुधवार सुबह तक आंदोलनकारी मुंबई खाली कर देंगे।
महाराष्ट्र सरकार की मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने जिन मांगों को स्वीकार किया है, उनमें पात्र मराठों को ‘कुनबी’ जाति का प्रमाण पत्र देना भी शामिल है।
आजाद मैदान में पांच दिन के अनशन के बाद जरांगे ने समर्थकों के बीच कहा कि मराठा समाज की लड़ाई रंग लाई है और सरकार ने उनकी बड़ी मांगें मान ली हैं। जरांगे ने साफ कर दिया कि अगर सरकार रात नौ बजे तक आरक्षण पर GR जारी करती है तो वह मुंबई छोड़ देंगे।
राज्य सरकार की उप-समिति, जिसकी अध्यक्षता मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल कर रहे हैं, ने हैदराबाद गजट लागू करने की जरांगे की मांग मान ली है। समिति ने कहा कि कुनबी रिकॉर्ड वाले मराठों को जांच के बाद जाति प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
जरांगे ने मंच से समिति के मसौदे को पढ़ा, जिसमें लिखा था कि हैदराबाद राजपत्र लागू होगा और तुरंत GR जारी किया जाएगा। वहीं, सतारा गजट का क्रियान्वयन एक महीने में पूरा किया जाएगा।
समिति ने भरोसा दिया कि मराठा आंदोलनकारियों पर दर्ज मामले सितंबर के अंत तक वापस ले लिए जाएंगे। विरोध में जान गंवाने वालों के परिवारों को एक हफ्ते में मुआवजा और योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी दी जाएगी। समिति ने बताया कि अब तक 15 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है और बाकी रकम एक हफ्ते में दे दी जाएगी।
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सरकार ने यह भी कहा कि “सेज सोयारे” (रक्त संबंधियों) नोटिफिकेशन पर आई आठ लाख आपत्तियों की जांच में समय लगेगा। वहीं, सरकार यह कानूनी विकल्प भी देख रही है कि कुनबी और मराठा एक ही समुदाय हैं। इसमें दो महीने लग सकते हैं।
जरांगे की जीत की घोषणा के बाद आजाद मैदान और आसपास के इलाकों में जश्न का माहौल बन गया। जरांगे ने 29 अगस्त से अनशन शुरू किया था। उनकी मांग थी कि मराठा समाज को ओबीसी कैटेगरी में शामिल कर सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।
मुंबई हाईकोर्ट ने जरांगे को 3 सितंबर की सुबह तक आजाद मैदान में रुकने की अनुमति दी है। कोर्ट ने पहले मंगलवार दोपहर 3 बजे तक मैदान खाली करने का आदेश दिया था। पीठ ने कहा कि अगर बुधवार तक हालात नहीं सुधरे तो कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े आदेश देने पड़ सकते हैं।
जरांगे के वकील ने कोर्ट से अपील की थी कि बुधवार तक का वक्त दिया जाए, क्योंकि तब तक समाधान निकलने की संभावना है। कोर्ट ने यह अपील मान ली। वहीं, जरांगे की तरफ से वकील ने मुंबई में कुछ कार्यकर्ताओं की गलत हरकतों के लिए माफी मांगी और आश्वासन दिया कि अब गड़बड़ी नहीं होगी।
इधर, महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने चेतावनी दी है कि अगर मराठों को ओबीसी के आरक्षण से हिस्सेदारी दी गई तो ओबीसी समुदाय सड़कों पर उतरेगा। उन्होंने कहा कि ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण में पहले ही खानाबदोश, गोवारी और कई छोटे समूह शामिल हैं, जिससे 374 समुदायों को सिर्फ 17 प्रतिशत काटा बचता है।
भुजबल ने कहा कि ईडब्ल्यूएस कोटे में भी मराठा समाज के आठ प्रतिशत लोग लाभ ले रहे हैं। उन्होंने साफ कहा, “अगर मराठों को ओबीसी कोटे में छेड़छाड़ किए बिना आरक्षण दिया जाता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन ओबीसी आरक्षण घटाया गया तो हम विरोध करेंगे।”