मराठा आरक्षण की मांग पर जीत की घोषणा के बाद मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने मुंबई में पांच दिन से जारी अपना अनशन खत्म किया तो मुंबई के व्यापारियों ने राहत की सांस ली। मराठा आरक्षण आंदोलन के कारण दक्षिण मुंबई अस्त व्यस्त हो गई जिसके कारण कारोबार प्रभावित हो रहा था। मुंबई के इस इलाके में बड़े थोक बाजार है। आंदोलन के कारण इन बाजारों में बाहर गांव से खरीदारी करने आने वाले व्यापारी आने से बच रहे हैं और माल भेजने की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है।
आंदोलन खत्म होने की घोषणा के साथ विभिन्न व्यापारिक एसोसिएशन ने खुशी जाहिर की है। अखिल भारतीय मोटर परिवहन कांग्रेस (AIMTC) के पूर्व अध्यक्ष और सलाहकार, बाल मलकीत सिंह ने कहा कि हम विरोध करने के अधिकार का सम्मान करते हैं, लेकिन आवश्यक माल और निर्यात-आयात खेपों को ठप नहीं किया जाना चाहिए। पिछले कुछ दिनों से यातायात व्यवस्था चरमरा गई थी जिसके लिए अखिल भारतीय मोटर परिवहन कांग्रेस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य परिवहन अधिकारियों से निर्यात-आयात मालवाहक वाहनों की आवाजाही के लिए पुलिस एस्कॉर्ट सुविधाओं के साथ तत्काल विशेष अनुमति देने और ऐसे व्यवधानों के दौरान सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए एक समर्पित आपातकालीन गलियारा बनाने का आग्रह किया था। उम्मीद की जा रही है कि आंदोलन खत्म होने के ऐलान के साथ यह समस्या अब खत्म हो जाएगी।
अखिल भारतीय मोटर परिवहन कांग्रेस ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा था कि चल रहे मराठा आंदोलन के कारण पूरे महाराष्ट्र में माल की आवाजाही ठप हो गई है। दक्षिण मुंबई के सभी प्रमुख संपर्क मार्ग (जिनमें अटल सेतु, नवी मुंबई मार्ग, पनवेल और पूर्वी फ्रीवे शामिल हैं) भारी वाहनों और ओडीसी मालवाहक जहाजों के लिए पूरी तरह से बंद हैं। जिससे निर्यातकों, आयातकों और परियोजना कार्गो संचालकों को भारी नुकसान हो रहा है क्योंकि समयबद्ध मालवाहक जहाज मुंबई बंदरगाह के रास्ते में फंसे हुए हैं।
हजारों करोड़ रुपये मूल्य का निर्यात-आयात माल, जो बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है, देरी से पहुंच रहा है। बेकार पड़े कंटेनर, विलंब शुल्क, डिटेंशन शुल्क और जुर्माने बढ़ रहे हैं, जबकि चालक बुनियादी सुविधाओं के बिना फंसे हुए हैं। यह स्थिति वित्तीय संकट, मानसिक तनाव और ऑपरेटरों के उत्पीड़न का कारण बन रही है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने कहा कि मराठा आंदोलन शुरू होने से दक्षिण मुंबई की तरफ का यातायात पूरी तरह ठप हो गया है इसलिए इन बाजारों में बाहर गांव से खरीदारी करने आने वाले व्यापारी आने से बच रहे हैं, माल भेजने की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। उम्मीद है कि अब सब ठीक हो जाएगा।
प्रदर्शनकारियों ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और बीएमसी मुख्यालय के पास चौक जाम कर दिया जिससे फोर्ट से लेकर गेटवे ऑफ इंडिया तक सड़कें बाधित हो गईं। जिसके चलते फैशन स्ट्रीट, क्राफर्ड मार्केट, फोर्ट एवं चर्चगेट तक के सभी व्यापारियों, होटलों एवं रेडी पटरी वालों का व्यापार काफी हद तक प्रभावित हो रहा है।
दक्षिण मुंबई स्थित विभिन्न वस्तुओं की थोक बाजारों के व्यापार प्रभावित होने से उनके आधारित हमाल (लेबर), हाथ गाड़ी से मालों की ढुलाई करने वाले और छोटा टेंपो जो की प्रतिदिन छोटी मोटी कमाई कर अपना गुजरा चलते हैं के लिए यह काफी संघर्ष का समय साबित हो रहा है।
कारोबारियों का कहना है कि ऐन गणेशोत्सव जो कि महाराष्ट्र का सबसे बड़ा त्यौहार है के समय पर आंदोलन शुरू होने से लाखों श्रद्धालु अन्य राज्य और विदेशों से मुंबई आते हैं और मुंबई में घूमते हैं और बड़े पैमाने पर खरीदारी करते हैं जो इस आंदोलन के चलते काफी कम संख्या में आ रहे हैं जिससे न सिर्फ दक्षिणी मुंबई बल्कि मुंबई के और कई व्यवसाय को भी नुकसान हुआ है। इस आंदोलन के चलते अभी तक सभी प्रकार के स्थानीय एवं थोक व्यापार और यातायात व्यवस्था ध्वस्त होने से टैक्सी कारोबार एवं विमान के कारोबार पर भी असर हुआ है। व्यापार और कार्यालयों में काम ठप हो जाने से 1000 करोड़ रुपये तक के नुकसान होने का अनुमान है।
फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन (FRTWA) के अध्यक्ष वीरेन शाह ने कहा कि आजाद मैदान में उमड़ी भारी भीड़ ने दक्षिण मुंबई को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है और दुकानों व बाजारों में सप्ताहांत की बिक्री प्रभावित हुई है। उन्होंने आगे कहा कि शहर हाईजैक सा महसूस कर रहा है। हम सरकार से गुजारिश करते हैं कि भविष्य में ऐसे आंदोलनों से मुंबई को बचाएं।