मराठा आरक्षण आंदोलनकारी मनोज जारांगे समेत बड़ी संख्या में मराठा समुदाय के लोग नवी मुंबई के वाशी में पहुंच गए। मुंबई जाने पर अड़े मराठा आंदोलनकारी सरकारी मानमनौअल के बाद आज नवीं मुंबई में रुकने के लिए तैयार हो गए।
अपनी बात को दोहराते हुए जरांगे ने कहा कि जब तक समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक वह अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे, जबकि महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने दावा किया कि उनकी सभी मांगें स्वीकार कर ली गई हैं।
नवी मुंबई में ही महाराष्ट्र सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल ने जरांगे से मुलाकात की और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से फोन पर उनकी बातचीत कराई।
मीटिंग के बाद जरांगे ने कहा कि राज्य सरकार ने मुझे कुछ जरूरी दस्तावेज सौंपे हैं। आरक्षण चाहिए तो लड़ना सीखना होगा, हमें आरक्षण लेकर रहना है। हम अपनी मांगों के लिए मुंबई आए हैं। सरकार के अधिकारी निर्णय पहुंचने के लिए आये थे, सरकार का कोई भी मंत्री नही आया। उन्होंने कहा कि जब तक आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक हम आंदोलन से पीछे हटने वाले नहीं हैं।
राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि जरांगे की मांगें मान ली गई हैं और उन्हें सरकारी प्रक्रिया के अनुसार पूरा किया जाएगा। अब तक 37 लाख कुनबी प्रमाण पत्र दिये जा चुके हैं और यह संख्या 50 लाख तक जाएगी।
जरांगे ने कहा है कि सरकार के मुताबिक 37 लाख लोगों को कुनबी जाति का सर्टिफिकेट दिया गया है। हमने इसकी जानकारी मांगी है।
शिंदे समिति ने सर्कुलर ढूंढने के लिए समय मांगा है। जरांगे ने लोगों से कहा कि सर्कुलर खोजने में हमें भी सरकार की मदद करनी होगी। हमारी सभी मांगे एक साथ पूरी नहीं हो सकतीं, इसलिए एक-एक करके सभी मांगों को मनवाएंगे।
मनोज ने कहा कि जब तक अध्यादेश नहीं मिलता मैं वापस नहीं जाऊंगा। सरकार शनिवार 12 बजे तक इसे जारी करे। आज मुंबई नहीं जा रहा हूं। यदि शनिवार को आजाद मैदान के लिए बढ़ा तो पीछे नहीं हटूंगा। मेरा अनशन जारी रहेगा।