Maharashtra CM Devendra Fadnavis (File Photo)
Maharashtra: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ते हुए नागपुर जिले के सातनवरी गांव में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग कर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इससे एक समृद्ध गांव का रोल मॉडल तैयार हुआ है। जल्द ही महाराष्ट्र के प्रत्येक तालुका के 10 गांवों को स्मार्ट और इंटेलिजेंट बनाया जाएगा। पहले चरण में लगभग 3500 गांवों को परिवर्तित किया जाएगा।
यह पहल महाराष्ट्र शासन और नागपुर जिला प्रशासन के सहयोग से वॉयस ऑफ इंडियन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी एंटरप्राइजेज (VOICE) और 24 भारतीय कंपनियों की भागीदारी से शुरू की गई है। इसके माध्यम से सातनवरी देश का पहला स्मार्ट और इंटेलिजेंट गांव बना है। सातनवरी गांव के उद्घाटन अवसर पर महाराष्ट्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि तकनीक की मदद से गांव में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में यह क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूर दृष्टि से भारत नेट परियोजना देशभर में लागू हुई, और महाराष्ट्र में महानेट परियोजना चलाई गई। अब भारतीय टेक कंपनियों के सहयोग से गांवों में 18 सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिनमें टेलीमेडिसिन, स्मार्ट शिक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्मार्ट सिंचाई, ड्रोन से कीटनाशक और खाद छिड़काव, बैंकिंग ऑन व्हील्स, और स्मार्ट सर्विलांस जैसी सेवाएं शामिल हैं।
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सातनवरी गांव के किसान ड्रोन और सेंसर का उपयोग कर मृदा परीक्षण, छिड़काव और उर्वरक प्रबंधन कर रहे हैं, जिससे उत्पादन लागत घटेगी और आय बढ़ेगी। शुद्ध पेयजल मिलने से गांववासियों का स्वास्थ्य सुधरेगा। टेलीमेडिसिन से स्वास्थ्य सेवाएं गांव में ही मिलेंगी। प्राथमिक शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्मार्ट लर्निंग से विद्यार्थियों को वैश्विक ज्ञान मिलेगा। सातनवरी जल्द ही पूरे देश के लिए रोल मॉडल गांव बनेगा और उम्मीद जताई कि आने वाले समय में यह गांव देश का सबसे प्रगतिशील गांव कहलाएगा।
राजस्व मंत्री तथा नागपुर के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्मार्ट सिटी और डिजिटल इंडिया जैसे महत्वाकांक्षी प्रकल्प लागू किए। उसी दिशा में मुख्यमंत्री फडणवीस ने महाराष्ट्र में स्मार्ट और इंटेलिजेंट गांव बनाने का बड़ा निर्णय लिया और नागपुर को यह सम्मान मिला। उन्होंने बताया कि नागपुर जिले के विकास के लिए 1,200 करोड़ रुपये का विशेष निधि मंजूर किया गया है।