Maharashtra Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर आगामी महाराष्ट्र चुनाव पर दिखना शुरु हो गया। भाजपा और उसके सहयोगी दलों को महाराष्ट्र में जीत का रास्ता दिखाई देने लगा तो कांग्रेस के सहयोगी दल उसकी नीतियों पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। इस जीत ने भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के साथ ही सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में राजनीतिक सौदेबाजी की उसकी ताकत भी बढ़ा दी, जबकि लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस की स्थिति महा विकास आघाडी (एमवीए) में सीट बंटवारे के दौरान कमजोर कर सकती है ।
भाजपा अपने परंपरागत वोट बैंक को एकजुट करने की रणनीति के तहत कांग्रेस पर आक्रामक हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि मुसलमानों की जाति की बात आते ही कांग्रेस के मुंह पर ताला लग जाता है लेकिन हिंदू समाज की बात आते ही वह चर्चा जाति से ही शुरू करती है क्योंकि वह जानती है कि हिंदू जितना बंटेगा, उतना ही उसका फायदा होगा।
कांग्रेस किसी भी तरीके से हिंदू समाज में आग लगाए रखना चाहती है और भारत में जहां भी चुनाव होते हैं, वह इसी फार्मूले को लागू करती है। समाज को तोड़ने की इस कोशिश को महाराष्ट्र की जनता नाकाम करेगी। मोदी ने महाराष्ट्र की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखने वाले कार्यक्रम में महाराष्ट्र के लोगों से देश के विकास को सर्वोपरि रखते हुए और एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी और उसके गठबंधन महायुति के पक्ष में मतदान करने की अपील की।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की शानदार जीत विकास के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है जो आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में, राज्य में सत्तारूढ़ महायुति को प्रचंड बहुमत दिलाएगी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दलों ने वोट हासिल करने के लिए झूठे विमर्श, जातिवाद की राजनीति और झूठे वादों का सहारा लिया, लेकिन बुलबुला फूट गया।
अगर आप कांग्रेस द्वारा 50-60 वर्षों में किए गए कार्यों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले 10 साल के काम की तुलना करें तो सच्चाई सामने आ जाएगी। शिंदे ने कहा कि मौजूदा महाराष्ट्र सरकार विकास पर समान रूप से ध्यान केंद्रित कर रही है। जब महा विकास आघाडी सत्ता में थी, तो उन्होंने अटल सेतु, समृद्धि राजमार्ग, तटीय सड़क, मेट्रो तीन और आरे कार शेड जैसी प्रमुख परियोजनाओं पर विराम लगा दिया था। जबकि हमने इन परियोजनाओं पर से सभी बाधाओं को दूर कर दिया है।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हरियाणा के नतीजों ने लोकसभा चुनाव के दौरान गढ़े गए फर्जी विमर्श को ध्वस्त कर दिया है और अब लोग भाजपा के साथ खड़े हैं। महा विकास आघाडी के सहयोगी पहले कह रहे थे कि वे एकजुट हैं, लेकिन अब वे एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।
सत्तारूढ़ महायुति के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा लगभग अंतिम चरण में है। 80 प्रतिशत पेपर हल हो गया है और 20 प्रतिशत जल्द ही हल हो जाएगा। महायुति में भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है।
शिवसेना (यूबीटी) ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में अति आत्मविश्वास को कांग्रेस की हार की वजह बताते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि वह अपनी कमजोर मौजूदगी वाले इलाकों में तो सहयोगी दलों पर निर्भर रही, लेकिन गढ़ कहे जाने वाले क्षेत्रों में उन्हें अनदेखा कर दिया। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि अगर कांग्रेस ने अपने साझेदार दलों को महत्व देते हुए एक गठबंधन किया होता तो परिणाम भिन्न हो सकते थे।
हरियाणा चुनाव के परिणामों का असर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पड़ने से जुड़ी आशंकाओं को खारिज करते हुए राउत ने एक बार फिर महा विकास आघाडी (एमवीए) के साझेदार दलों से आगामी चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की अपील की। राउत ने शिवसेना (यूबीटी) की मांग दोहराते हुए कहा कि महाराष्ट्र जैसे राज्य में लोग एक नेता चाहते हैं। लोग इस नीति को समझ नहीं पाते कि पहले आप चुनाव लड़े और उसके बाद मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करें।
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव अगले महीने होने की संभावना है। महाराष्ट्र में एमवीए में शामिल शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राकांपा (एसपी) ने लोकसभा चुनाव में 48 में से 30 सीट पर जीत हासिल की थी जबकि महायुति में शामिल शिवसेना, भाजपा और एनसीपी (अजित पवार) 17 सीट जीत सका था।