महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है। मौसम विभाग की चेतावनी बता रही है कि बारिश का कहर अभी शांत नहीं हुआ।
राज्य के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और कृषि मंत्री अलग अलग क्षेत्रों का दौर करके नुकसान का जायजा ले कर किसानों को ढांढस बंधा रहे हैं कि सरकार उनके साथ है।
अयोध्या दौरे से वापस आते ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नाशिक, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विदर्भ और कृषि मंत्री मराठवाडा के दौर पर निकल गए। जहां सात-आठ अप्रैल को बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
पश्चिमी विदर्भ क्षेत्र के अमरावती, अकोला, यवतमाल, वाशिम और बुलढाणा जिलों के दौर पर गए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पिछले दो दिनों में बेमौसम बारिश से महाराष्ट्र के पश्चिमी विदर्भ क्षेत्र के पांच जिलों में 7,400 हेक्टेयर से अधिक में फसलों को नुकसान पहुंचा है। 3,243 हेक्टेयर में क्षति का आकलन पूरा हो गया है। शेष मूल्यांकन जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। बेमौसम बारिश से कम से कम 7,596 किसान प्रभावित हुए हैं। हम जलवायु परिवर्तन की नयी चुनौती का कोई समाधान खोजने के लिए काम कर रहे हैं।
फडणवीस ने कहा कि अकोला में पेड़ गिरने की घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को राज्य से वित्तीय सहायता दी जाएगी। सरकार ने उन 35 घायलों के इलाज का पूरा खर्च वहन करने का भी फैसला किया है, जिन्होंने मंदिर में शरण ली थी।
गौरतलब है कि रविवार की रात अकोला जिले के पारस गांव में तेज हवा और बारिश के बाद मंदिर परिसर में टीन शेड पर पेड़ गिरने से उसके नीचे खड़े कम से कम सात लोगों की मौत हो गई थी और 37 अन्य घायल हो गए थे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नासिक जिले के बारिश से प्रभावित इलाकों का दौरा किया और किसानों को हुए नुकसान की समीक्षा की। शिंदे ने जिला संरक्षक मंत्री दादा भुसे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सतना तालुका के ढोलबरे, निताने, बिजोत और अखतवाडे गांवों का दौरा किया। इन गांवों में प्याज, अंगूर और अनार की खेती को हुए नुकसान का निरीक्षण किया और किसानों के साथ संवाद किया। तेज हवाओं और ओलावृष्टि के साथ बेमौसम बारिश से सिन्नर तालुका, नंदगांव तालुका, देवला तालुका और सतना तालुका के कई इलाके प्रभावित हुए हैं।
महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने फसल नुकसान की समीक्षा के लिए अकोला जिले में गांवों का दौरा किया और अधिकारियों ने बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान का पंचनामा करना शुरू कर दिया है।
मंत्री ने कहा कि नुकसान के अंतिम आंकड़े पर कैबिनेट की अगली बैठक में चर्चा होगी और अंतिम रिपोर्ट पेश होने के बाद सरकार के नियमों के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि मैंने देखा कि टमाटर, मिर्च और नींबू जैसी फसलों को कुछ हद तक नुकसान हुआ है। राज्य सरकार ने फसल क्षति सर्वेक्षण का आदेश दिया है और इसी के अनुसार किसानों को वित्तीय मदद दी जाएगी। इस बीच राज्य सरकार से किसानों को तत्काल राहत देने की घोषणा करने का अनुरोध किया है।
राज्य में बेमौसम बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा के अलग-अलग इलाकों में 14 अप्रैल तक तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम स्तर की बारिश की संभावना है।
वसंतराव नाईक कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग ने मराठवाड़ा के अलग-अलग स्थानों पर 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने और हल्की से मध्यम स्तर की बारिश होने का अनुमान लगाया है। विश्वविद्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, औरंगाबाद, जालना, बीड, उस्मानाबाद, परभणी, लातूर और नांदेड़ में बारिश हो सकती है।
संभागीय आयुक्त कार्यालय की प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार, लातूर जिले में 84 हेक्टेयर भूमि पर नुकसान की सूचना मिली थी। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने हाल में कम से कम पांच दिनों तक लगातार 10 मिलीमीटर बारिश और फसलों को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने की स्थिति में बेमौसम बारिश को प्राकृतिक आपदा मानने का फैसला किया है।