जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक आपदा किसानों के लिए बड़ी समस्या बन गई है। इस समस्या से निपटने में सरल बैंकिंग प्रणाली काफी कारगर साबित हो, इसके लिए महाराष्ट्र सरकार नाबार्ड के साथ मिलकर योजना तैयार कर रही है।
राज्य सरकार चाहती है कि बैंकों द्वारा उन पर सिबिल स्कोर की शर्त न थोपी जाए। वित्त वर्ष वर्ष 2023-24 में नाबार्ड कर्ज देने का बजट 47 फीसदी घोषित किया है।
नाबार्ड के वर्ष 2023-24 के स्टेट फोकस पेपर में विभिन्न प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए 6 लाख 34 हजार 058 करोड़ रुपए की क्रेडिट क्षमता का प्रारूप तैयार किया है। इस प्रारूप में वर्ष 2021-22 की अवधि की तुलना में 47 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है।
नाबार्ड द्वारा आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि किसानों को आसानी से फसल ऋण मिले, बैंकों द्वारा उन पर सिबिल स्कोर की शर्त न थोपी जाए। किसानों, मजदूरों और सहकारिता के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है और बैंकों को भी इस क्षेत्र के लिए ऋण नीति बनानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्टेट फोकस पेपर को राज्य आर्थिक परिषद में भी रखा जाएगा और आगे के लिए मार्गदर्शन लिया जाएगा। राज्य के कृषि, ग्रामीण आधारभूत संरचना, एमएसएमई और अन्य क्षेत्रों में महाराष्ट्र में काफी संभावनाएं हैं। इसलिए राज्य सरकार के विभिन्न विभागों और बैंकरों की भागीदारी और समन्वय हो तो योग्य दिशा में विकास हो सकता है । प्रदेश में किसानों के लिए विभिन्न योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन तेजी से शुरू है। आज जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक आपदा की भी बड़ी समस्या है। यदि यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि किसानों की सभी ऋण – जरूरतें बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से पूरी हो जाती हैं, तो वह आत्मविश्वास के साथ अपने पैरों पर खड़ा हो जाएगा और उसके मन में आत्महत्या का विचार भी नहीं आएगा।
ढाई साल से बंद जलयुक्त शिवर योजना को फिर से शुरू किया गया है। पिछले नौ महीने में 27 सिंचाई परियोजनाओं में तेजी लाई गई है। जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चुनौती के अनुकूल होने और इसकी प्रतिकूलताओं को कम करने के लिए नाबार्ड की पहल की भी सराहना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सरकार महाराष्ट्र को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने का प्रयास कर रही है और इस संबंध में यह स्टेट फोकस पेपर उपयोगी साबित होगा।
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है और बजट में किसानों को केंद्र बिंदु में रखते हुए विभिन्न योजनाओं को लागू किया जाएगा। समृद्धि मार्ग किसानों के लिए बहुत काम आने वाला है। यहां कृषि आधारित उद्योगों को स्थापित करने पर बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों को कृषि ऋण आसानी से उपलब्ध होना चाहिए। सिबिल की आवश्यकता नहीं है, इसके संबंध में किसानों को विस्तृत जानकारी दी जानी चाहिए। नई प्राथमिक कृषि सहकारी को-आपरेटिव संस्थाओं के गठन की अनुमति दिए जाने के संबंध में भी कार्यवाही की जाएगी।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक जी. एस. रावत ने स्टेट फोकस पेपर की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें 2023-24 के लिए कृषि क्षेत्र के लिए 1 लाख 56 हजार 873 करोड़ (24.7 फीसदी), एसएमई के लिए 3 लाख 54 हजार 854 करोड़ (56 फीसदी), अन्य प्राथमिक क्षेत्रों के लिए 1 लाख 22 हजार 331 करोड़ (19.3 फीसदी) क्रेडिट क्षमता है।
इसी तरह बैंकों को भी अपने नेटवर्क का विस्तार करना चाहिए, कृषि क्षेत्र में क्लस्टर फाइनेंसिंग करना चाहिए, बचत गुटों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक कॉर्पोरेट नीति बनानी चाहिए और ग्रामीण सहयोग को मजबूत करने के लिए कदम उठाने चाहिए।