महाराष्ट्र को एक इलेक्ट्रॉनिक्स केंद्र बनाने के लिए पुणे के रांजणगांव में स्थापित की जा रही इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी) परियोजना का काम रफ्तार पकड़ने लगा है। इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने पहले चरण में एमआईडीसी को 62 करोड़ 39 लाख रुपये की निधि आवंटित की है। जिसके लिए राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया।
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति के अंतर्गत पुणे के निकट रांजणगांव में महाराष्ट्र की पहली इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC) परियोजना स्थापित की जा रही है। देश में इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने देश में सुधारित इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC 2.0) का कार्यान्वयन शुरू कर दिया है।
देश के नोएडा, कर्नाटक, तमिलनाडु राज्यों में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन केंद्र हैं जहां विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों और भारतीयों ने स्टार्ट अप यूनिट्स शुरू की हैं।
केंद्र ने 31 अक्टूबर, 2022 को रांजणगांव में 297.11 एकड़ भूमि पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के निर्माण की मंजूरी दी थी।
राज्य सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक इस परियोजना की लागत 492 करोड़ 85 लाख 19 हजार रुपये है जिसमें से केंद्र सरकार की ओर से 207 करोड़ 98 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। इसमें से केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा एमआईडीसी को 62 करोड़ 39 लाख रुपये की पहली किस्त आवंटित कर दी गई है।
रांजणगांव में स्थापित होने वाली इस परियोजना में आईएफबी, एलजी और गोगोरो ईवी स्कूटर जैसी कंपनियां सहभागी होंगी। इस परियोजना के कारण यह क्षेत्र इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर के नाम से जाना जायेगा। राज्य सरकार का मानना है कि इससे और भी उद्यमी, कंपनियां आकर्षित होंगी जिससे रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि पुणे के पास रांजणगांव में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर विकसित किया जाएगा। केंद्र सरकार इसमें 500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर परियोजना में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश जुटाने का लक्ष्य है। इसमें आने वाले वर्षों में दो हजार नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है।