आखिरकार एकनाथ शिंदे मान गए। इसी के साथ महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया। कई दिन चली रस्साकशी के बाद शिंदे ने बुधवार को हथियार डाल दिए। उन्होंने कहा कि उनके उत्तराधिकारी के नाम पर केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी जो भी निर्णय लेगी, उन्हें स्वीकार होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने की स्थिति में नाराजगी की खबरों का भी खंडन किया।
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री एक-दो दिन में मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर देंगे। गुरुवार को दिल्ली में शीर्ष स्तरीय बैठक में मंत्रिमंडल का खाका खींचा जाएगा। राज्य में दो उपमुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं।
ठाणे स्थित अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन में शिंदे ने कहा, ‘मैंने कल प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को फोन किया था। मैंने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे जो भी निर्णय लेंगे, मैं उसका पालन करूंगा।’ यह पूछे जाने पर कि नए मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री कौन होगा, शिंदे ने कहा, ‘अमित शाह के साथ दिल्ली में गुरुवार को बैठक होगी। उसमें सभी संबंधित निर्णय लिए जाएंगे और अगली सरकार बनाने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जाएगा।’
कार्यवाहक मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं हमेशा के लिए एक कार्यकर्ता हूं। मेरे लिए सीएम (चीफ मिनिस्टर) का मतलब कॉमन मैन (सीएम) होता है।’
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को हुए चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधान सभा में 230 सीट जीतकर जोरदार वापसी की है। लोक सभा चुनाव में मिली हार से उबरते हुए भाजपा ने 132 सीटों पर जीत दर्ज की, जो महायुति के सभी घटक दलों में सर्वाधिक हैं। शिंदे की शिवसेना ने 57 और अजित पवार की राकांपा ने 41 सीट जीती हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत के लिए के लिए 145 का आंकड़ा चाहिए। भाजपा को इस आंकड़े तक जाने के लिए अपने सहयोगियों में से केवल एक की जरूरत है। ऐसी स्थिति में उसका पलड़ा भारी है और शिंदे मोलभाव की स्थिति में नहीं हैं।
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने एकनाथ शिंदे के पीछे हटने के फैसले की सराहना की है। कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिंदे द्वारा अपना रुख स्पष्ट किए जाने के तुरंत बाद बावनकुले ने नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए विपक्ष पर अफवाह फैलाने और शिंदे के चरित्र पर आक्षेप लगाने का आरोप लगाया। भाजपा नेता बावनकुले ने कहा, ‘मैं शिंदे को धन्यवाद देना चाहता हूं। मुझे उन पर गर्व है।’
उन्होंने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं पर राज्य के विकास को प्राथमिकता देने की शिंदे की इच्छा की भी तारीफ की और कहा, ‘हमने सहयोगी के तौर पर जो भी मांगा, उन्होंने हमारी मांगों को स्वीकार किया और हमारी उम्मीदों का सम्मान किया।’
दूसरी ओर विधान सभा चुनाव में करारी हार देखने वाली कांग्रेस के प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोप लगाया कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने एकनाथ शिंदे पर मुख्यमंत्री पद पर दावा छोड़ने के लिए दबाव डाला है। सरकार गठन के लिए महाराष्ट्र को इंतजार कराना निंदनीय कृत्य है।
भाजपा के समक्ष राकांपा पहले ही मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा छोड़ चुकी है। राकांपा नेता सुनील तटकरे ने कहा कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अंतिम फैसला लेंगे। उसके बाद सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।