facebookmetapixel
Editorial: फेडरल रिजर्व ने घटाई ब्याज दरें, ट्रंप के दबाव और वैश्विक बाजारों पर नजरप्राइवेंट बैंकों के मुकाबले सरकारी बैंकों का प्रदर्शन फिर बेहत, लेकिन चुनौतियां बरकरारअगर ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आया तो बढ़ेगी घुसपैठ: गृह मंत्री अमित शाहबिहार में ग्रेजुएट बेरोजगारों को 2 साल तर हर महीने मिलेंगे ₹1000, मुख्यमंत्री निश्चय भत्ता योजना का दायरा बढ़ानागराजू बोले: नैबफिड को शहरी स्थानीय निकायों को भी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए धन देना चाहिएभारत में दोगुने हुए करोड़पति परिवार, लग्जरी कार बाजार को मिलेगा दमराहुल गांधी का आरोप: कर्नाटक में कांग्रेस समर्थक मतदाताओं के नाम हटाने की कोशिश, चुनाव आयोग का इनकारPFRDA प्रमुख बोले: बॉन्ड बाजार लंबी अवधि और कम रेटिंग वाले कर्ज से कतराता है, इससे फंडिंग पर संकटट्रंप बोले: हम मोदी के बहुत करीब हैं लेकिन भारत पर रूस से तेल आयात के लिए 50% टैरिफ लगायाICAR के पूर्व महानिदेशक सहित कई शीर्ष वैज्ञानिकों ने PM मोदी से GM सरसों पर से प्रतिबंध हटाने की मांग की

Mumbai Monsoon: मानसून आने से पहले प्रशासन ने कसी कमर, खतरनाक इमारतों का होगा स्ट्रक्चरल ऑडिट

Last Updated- May 30, 2023 | 7:43 PM IST
Shutter Stock

मुंबई और इसके आसपास के इलाकों में हर साल भारी बारिश के दौरान इमारतें गिरने से कई लोगों की मौत हो जाती है। इसकी प्रमुख वजह पुरानी और जर्जर इमारतों के बारे में गलत जानकारी देने को माना जाता है।

इसलिए राज्य सरकार ने मानसून पूर्व बैठक में राज्य की सभी महानगर पालिकाओं को निर्देश दिया है कि वे हाउसिंग सोसाइटीयों के ऑडिट रिपोर्ट पर भरोसा करने के बजाय अच्छे इंजीनियरिंग संस्थानों से खतरनाक इमारतों का थर्ड पार्टी स्ट्रक्चरल ऑडिट कराएं।

आपदा पर काबू पाने के लिए सभी एजेंसियों के अधिकारियों को आपस में बेहतर संवाद और समन्वय बनाने को कहा गया है। राज्य में सभी तरह की व्यवस्था की मानसून पूर्व तैयारी के संदर्भ में सर्वव्यापी समीक्षा की गयी।

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सक्रिय कार्रवाई से जानमाल के नुकसान को रोका जा सकता है। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने सूचित किया कि मुंबई की 226 खतरनाक इमारतों में से 27 इमारतों के निवासियों का सुरक्षित ट्रांसफर कर लिया गया है।

राज्य की सभी महानगर पालिकाएं खतरनाक इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट अच्छे थर्ड पार्टी इंजीनियरिंग संस्थानों से कराएं। हाउसिंग सोसाइटीयों की रिपोर्ट पर भरोसा न रखें। ऐसा करने से भविष्य में होने वाली जीव हानि को रोका जा सकेगा। विस्थापित परिवारों के आवास का भी ध्यान रखा जाए ताकि वे खतरनाक इमारतों को खाली करने के लिए तैयार हों।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार संपत्ति का नुकसान झेला जा सकता है, लेकिन जीवन का नुकसान नहीं। इसलिए आने वाले मानसून के मौसम में आपदाओं के कारण जनहानि न हो, इसके लिए सतर्क रहना होगा। खोज और बचाव कार्यों के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाना जरूरी है। इस दौरान सभी अधिकारी फोन पर 24 घंटे उपलब्ध रहें।

अधिकारियों को फोन पर 24 घंटे उपलब्ध रहने का निर्देश

आपदा से उबरने के लिए जिला-संभाग से लेकर राज्य स्तर तक सभी व्यवस्थाओं के अधिकारी आपस में बेहतर संवाद और समन्वय बनाये रखें। बाढ की स्थिति से बचने के लिए मुंबई सहित अन्य जगहों पर भी नालों की सफाई पर उचित ध्यान दिया जाए तो निचले इलाकों में पानी जमा होने से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।

मुंबई में रेलवे और महानगर पालिका को नालों की सफाई के लिए संयुक्त अभियान चलाना चाहिए। रेल पटरियों पर जल जमाव न हो इसके लिए नालों की सफाई उचित तरीके से किये जाने पर जोर दिया जाए। यदि कोई विषम परिस्थिति उत्पन्न होती है, तो महानगर पालिका को बसों, स्कूलों और आश्रय स्थलों, पीने के पानी और भोजन की उपलब्धता के संबंध में योजना बनाए। विभिन्न एजेंसियों द्वारा चल रहे निर्माण कार्यों में आ रही बाधाओं को समय रहते दूर किया जाए।

मुंबई के उपनगरों में भूस्खलन के संभावित स्थानों पर किये जाने वाले उपायों के संबंध में भी प्रस्ताव देने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की स्थिति में एनडीआरएफ की कंपनियां प्रदेश में प्रत्येक स्थान पर समय पर नहीं पहुंच सकती हैं, इसलिए राज्य के सभी सातों विभागों में राज्य आपदा प्रतिसाद दल नियुक्त करने की कार्यवाही की जाए।

वर्तमान में एनडीआरएफ की दो टुकड़ियां धुले और नागपुर में तैनात हैं। इसके अलावा राज्य में ये बल होंगे। ठाणे मनपा ने एक टीम बनाई है जो आपदा के समय पर दौड़कर पहुंचती हैं। विशेष रूप से दुर्घटनाओं के समय इस दल ने अच्छा काम किया है। जहां ऊंची इमारतें हैं और जहां आपदाओं की संभावना अधिक हैं। ऐसे स्थानों पर पालिका को आपदा बचाव दल बनाना चाहिए।

ठाणे में एनडीआरएफ के लिए जगह उपलब्ध करा दी गयी है। इसी प्रकार पुणे और कोल्हापुर में जगह उपलब्ध कराई जाए।  मानसून से पहले इस बल के स्थानों पर वहां प्रभावी ढंग से काम हो सकें।

First Published - May 30, 2023 | 7:43 PM IST

संबंधित पोस्ट