facebookmetapixel
Algo और HFT ट्रेडिंग का चलन बढ़ा, सेबी चीफ ने मजबूत रिस्क कंट्रोल की जरूरत पर दिया जोरमहाराष्ट्र में 2 दिसंबर को होगा नगर परिषद और नगर पंचायत का मतदानउत्तर प्रदेश में समय से शुरू हुआ गन्ना पेराई सत्र, किसानों को राहत की उम्मीदछत्तीसगढ़ के किसान और निर्यातकों को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान, फोर्टिफाइड राइस कर्नल का किया पहली बार निर्यातBihar Elections: दूसरे चरण में 43% उम्मीदवार करोड़पति, एक तिहाई पर आपराधिक मामले; जेडीयू और कांग्रेस भाजपा से आगेIndiGo Q2FY26 results: घाटा बढ़कर ₹2,582 करोड़ पर पहुंचा, रेवेन्यू 9.3% बढ़ाNFO Alert: फ्रैंकलिन टेंपलटन ने उतारा नया मल्टी फैक्टर फंड, ₹500 की SIP से निवेश शुरू; किसे लगाना चाहिए पैसाQ2 Results: अदाणी एंटरप्राइजेज का मुनाफा 83.7% बढ़कर ₹3198 करोड़, लेकिन रेवेन्यू 6% घटाMutual Fund में बड़े बदलाव की तैयारी! निवेशकों का बढ़ेगा रिटर्न, फंड मैनेजर्स के लिए राह होगी कठिनकमाई नहीं, टैक्स बचाना है मकसद! नितिन कामत ने बताया भारत के IPO बूम का असली राज

रत्नागिरि रिफाइनरी का काम शुरु होते ही विरोध का चढ़ा राजनीतिक रंग

Last Updated- April 26, 2023 | 11:51 PM IST
As soon as the work of Ratnagiri Refinery started, the protest got political color

शुरु से विवादों में घिरी प्रस्तावित रत्नागिरि रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स प्रोजेक्ट (आरआरपीएल) का जैसे ही सर्वेक्षण काम दोबारा शुरु हुआ कि विरोध प्रदर्शन एवं राजनीतिक तेज हो गई। विरोध कर रहे स्थानीय ग्रामीणों से बात करने और सर्वेक्षण का काम रोकने की विपक्ष मांग कर रही है तो सरकार इस राजनीतिक विरोध बताकर राज्य के विकास को अवरुध करने वाला कुचक्र साबित करने में लगी है।

मुंबई से करीब 400 किलोमीटर दूर रत्नागिरी जिले की राजापुर तहसील में बारसू गांव के निवासी और महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के सहयोगी राकांपा, शिवसेना (यूबीटी) तथा कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि उनकी पार्टी ने कोंकण में विकास परियोजनाओं का विरोध नहीं किया लेकिन स्थानीय लोगों के विचार जानना बेहद जरुरी है। सरकार को यह पता लगाने की जरूरत है कि स्थानीय लोग नाराज क्यों हैं, उनसे बातचीत करना ही एकमात्र समाधान है। यदि बातचीत के माध्यम से मामला हल नहीं होता है, तो एक वैकल्पिक स्थान ढूंढना चाहिए।

रत्नागिरी जिले के संरक्षक मंत्री सामंत ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए परियोजना के बारे में जानबूझकर गलतफहमी पैदा की जा रही है। 12 जनवरी, 2022 को तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था जिसमें सुझाव दिया गया था कि राज्य सरकार रिफाइनरी के लिए नाट्य (क्षेत्र) में 1,300 एकड़ भूमि और 2,144 एकड़ का एक अन्य भूखंड उपलब्ध करा सकती है। उन्होंने परियोजना के लिए बारसू क्षेत्र का सुझाव दिया था। उद्धव ठाकरे के पत्र में यह उल्लेख भी किया गया है कि इस भूमि के 90 फीसदी हिस्से पर कोई मानव बस्ती या पेड़ नहीं हैं। पत्र में दावा किया गया है कि रिफाइनरी परियोजना से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा। इस परियोजना से राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और महाराष्ट्र की जीडीपी में 8.5 फीसदी की वृद्धि होगी। इससे पेट्रोकेमिकल उत्पादों पर आयात शुल्क भी कम होगा और इसलिए परियोजना को बारसू में स्थापित किया जाना चाहिए।

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने स्वीकार किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे ने रिफाइनरी परियोजना के लिए रत्नागिरी जिले के बारसू में एक वैकल्पिक स्थान का सुझाव दिया था। हालांकि, अगर स्थानीय लोग इसका विरोध करते हैं तो उनकी पार्टी वहां के लोगों का समर्थन करेगी। यह हमारा राजनीतिक रुख है। एक मुख्यमंत्री के रूप में ठाकरे ने वैकल्पिक भूमि का सुझाव दिया था। उस वक्त कोई विरोध नहीं हुआ , लेकिन अब लोग इसका विरोध कर रहे हैं। अगर स्थानीय लोगों का विचार है कि वे मर जाएंगे लेकिन अपनी जमीन नहीं देंगे तो मोदी को लिखे ठाकरे के पत्र का कोई महत्व नहीं रह जाता है।

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस रिफाइनरी को बनाने के लिए केंद्र सरकार की तीन कंपनियां मिलकर काम कर रही हैं। व‍िपक्षी शुरू से ही रिफाइनरी का विरोध किया। फिर उन्होंने सत्ता में आकर इस रिफाइनरी को बारसू में करने का निश्चय किया तो उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र भेजा। अब काम शुरू हुआ तो फिर विरोध। हम विरोधियों का सम्मान करते हैं। हम उनसे चर्चा करने और उनकी गलतफहमियां दूर करने को तैयार हैं। लेकिन हम उन लोगों को बर्दाश्त नहीं करेंगे जो राजनीति के लिए विरोध कर रहे हैं। ऐसी ही एक रिफाइनरी जामनगर में है, जहां से निर्यात होता है। रिफाइनरी से कोई हानि नहीं होती है। यह एक ग्रीन रिफाइनरी है। इसलिए पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा। लेकिन, झूठ बोलकर विपक्ष महाराष्ट्र का और कितना नुकसान करेगा।

दरअसल महाराष्ट्र के रत्नागिरि में सऊदी अरामको और अबुधाबी नेशनल ऑयल कंपनी की मदद से प्रस्तावित रत्नागिरि रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स प्रोजेक्ट (आरआरपीएल) के विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए सत्तारूढ़ शिवसेना-बीजेपी सरकार से सर्वेक्षण बंद करने का आग्रह किया है। पुलिस ने बारसू, गोवल, धोपेश्वर वरचिवाडी-गोवल, राजापुर, खलचीवाड़ी-गोवल, पन्हाले-तरफे गांवों में और उसके आसपास 1,500 पुलिस कर्मियों, 300 से अधिक एसआरपी कर्मियों और दंगा नियंत्रण पुलिस के चार प्लाटूनों को तैनात किया गया है।

First Published - April 26, 2023 | 11:46 PM IST

संबंधित पोस्ट