PTI
महाराष्ट्र में सियासी हलचल ने एक नया रूप ले लिया है। प्रदेश में राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने पांचवी बार बागी तेवर अपनाते हुए महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री की शपथ ले ली है। शिंदे-भाजपा सरकार में शामिल होने वाले केवल अजित पवार ही नहीं हैं। राकांपा के कद्दावर नेता छगन भुजबल ने भी महाराष्ट्र के मंत्री के रूप में शपथ ली।
राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल रमेश बैस ने जहां अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई, वहीं राकांपा के आठ अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। माना जा रहा है कि अजित पवार को 40 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
9 विधायक बने शिंदे सरकार के मंत्री
पूर्व राकांपा नेता अजित पवार और नेता छगन भुजबल के के साथ कुछ और विधायकों ने भी शपथ ली। मंत्री के रूप में शामिल होने वाले नेताओं में पवार सहित कुल 9 विधायक शामिल हैं। नेता धनंजय मुंडे और अदिति तटकरे ने महाराष्ट्र के मंत्री के रूप में शपथ ली। इसके साथ ही राकांपा नेता दिलीप वाल्से पाटिल, हसन मुशरिफ ने भी महाराष्ट्र के मंत्री के रूप में शपथ ली। दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी-शिंदे सरकार में शामिल होने वाले छगन भुजबल शरद पवार के काफी करीबी माने जाते हैं। शिंदे-भाजपा सरकार में शामिल होने वाले मंत्रियों की लिस्ट में धर्मराव अत्राम, अनिल पाटिल और संजय बनसोडे भी शामिल हैं।
किसे मिला कौन सा मंत्रालय?
उपमुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के कुछ ही मिनट बाद पवार ने बताया कि अभी शामिल हुए बागी विधायकों के लिए किसी भी मंत्रालय का निर्धारण नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, ‘हमने महाराष्ट्र सरकार को सपोर्ट करने का फैसला किया है और सरकार के मंत्रियों के रूप में शपथ ली है। मंत्रालय सौंपे जाने के लिए पार्टी में चर्चा होगी। राष्ट्रीय स्तर पर सभी बातों का ध्यान रखते हुए, हमने सोचा कि हमें पार्टी का सपोर्ट करना चाहिए।’
महाराष्ट्र में दो उपमुख्यमंत्री होंगे
गौरतलब है कि भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस पहले से ही प्रदेश के उपमुख्यमंत्री हैं। अब आपके मन में यह सवाल होगा कि अब उनका क्या होगा तो बता दें कि अजित पवार के शामिल होने से प्रदेश में दो उपमुख्यमंत्री हो जाएंगे क्योंकि पवार फड़नवीस के साथ पोस्ट साझा करेंगे।
क्यों शिंदे सरकार में शामिल हुए अजित पवार ?
शिंदे-भाजपा सरकार में शामिल होने से पहले अजित पवार ने मुंबई में अपने आधिकारिक आवास ‘देवगिरि’ में पार्टी के कुछ नेताओं और विधायकों के साथ बैठक कीथी। बैठक में राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले उपस्थित थीं। हालांकि, सुले बैठक से जल्द ही चली गईं। बाद में पार्टी के बीच चल रही हलचल के बारे में पूछे जाने पर राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि उन्हें बैठक की जानकारी नहीं है।
इससे पहले अजित पवार ने बुधवार को मुंबई में पार्टी का एक प्रोग्राम रखा था जहां उन्होंने कहा ‘मुझे विपक्ष के नेता के रूप में काम करने में कभी दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन पार्टी विधायकों की मांग पर भूमिका स्वीकार की। मुझे पार्टी संगठन में कोई भी पद सौंपें और मैं पूरा करूंगा। मुझे जो भी जिम्मेदारी दी गई है, उसके साथ न्याय करें।’
आज उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मैंने शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था, आगे पार्टी (राकांपा) के लिए काम करने की इच्छा व्यक्त की थी।
40 विधायकों का समर्थन
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र यूनिट के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने रविवार को दावा किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 53 में से 40 विधायक राज्य सरकार का समर्थन कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि कई दिनों से अजित पवार और शरद पवार के बीच में आंतरिक सियासी घमसान चल रहा था। अजित पवार के साथी विधायक शरद पवार से नाराज चल रहे थे। इसके चलते अजित पवार ने रविवार को कुछ विधायकों की बैठक बुलाई थी, लेकिन यह खुलासा नहीं हो पाया कि आखिरकार मसला क्या है। आज अचानक ही अजित पवार विधान भवन पहुंच गए। इसके साथ ही सीएम शिंदे और देवेंद्र फडणवीस भी राजभवन पहुंचे और फिर 9 मंत्रियों समेत अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली।