Maharashtra traders strike: महाराष्ट्र के व्यापारिक संगठनों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 27 अगस्त को राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया है। इस दिन राज्य के सभी थोक और खुदरा बाजार बंद करने के साथ व्यापारी मुंबई में विरोध प्रदर्शन करेंगे। एपीएमसी मार्केट में बुनियादी सुविधाओं की कमी, एक फीसदी एपीएमसी सर्विस चार्ज, जीएसटी कानून की विसंगतियों दूर करने की व्यापारी लंबे समय से मांग कर रहे हैं और अपनी इन्हीं मांगों को लेकर व्यापारी संघों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है।
हड़ताल को सफल बनाने और आगे की महत्त्वपूर्ण रणनीति तय करने के लिए राज्य के लगभग सभी व्यापार संघों ने पिछले एक महीने से राज्य में कई बैठकें करने के बाद बंद का ऐलान किया है। ग्रोमा के अध्यक्ष भीमजी भाई भानुशाली ने बताया कि एपीएमसी मार्केट में व्यापारियों द्वारा करोड़ों रुपये का सेस जमा किए जाने के बावजूद अभी भी वहां लाइट, पीने का पानी, सुरक्षा और सीसीटीवी कैमरों जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी है।
महाराष्ट्र राज्य क्रियान्वयन समिति के संयोजक राजेंद्र बाठिया ने कहा कि जब किसान अपना माल एपीएमसी मार्केट में बेचने नहीं आ रहे हैं, तो एपीएमसी अधिनियम को लागू करने का कोई औचित्य नहीं है।
फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र के अध्यक्ष जितेंद्र शाह ने जोर देकर कहा कि व्यापारियों को एकजुटता दिखानी होगी और अपने मुद्दों के लिए सफलतापूर्वक संघर्ष करना होगा। व्यापारियों की समस्याओं के बारे में वित्त मंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, और राज्य के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से बार-बार अपील करने के बावजूद, अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
GST, FSSAI, BPT, BIS और स्टेनलेस स्टील के बर्तनों में QCO नियमों जैसी कई समस्याएं हैं। पुणे मर्चेंट्स चेंबर के अध्यक्ष राजकुमार नाहर ने सुझाव दिया कि यदि सरकार हमारे मुद्दों पर ध्यान नहीं देती है, तो हमें सरकार के साथ असहयोग करना चाहिए।
व्यापारी एकता का नारा देते हुए महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर के अध्यक्ष ललित भाई गांधी ने कहा कि व्यापारियों में बहुत ताकत है और वे जो चाहें, उसे प्राप्त कर सकते हैं। हम केवल अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं और हमारी एकजुटता दिखाने से सफलता निश्चित रूप से मिलेगी। उन्होने कहा कि यदि 27 अगस्त तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो 5 सितंबर को महाराष्ट्र राज्य क्रियान्वयन समिति की बैठक होगी और अगली रणनीति तय करके आंदोलन को और तीव्र किया जाएगा।
ग्रोमा के अध्यक्ष भीमजी भाई भानुशाली ने बताया कि व्यापारियों की गरिमा और अस्तित्व के सवालों के बावजूद सरकार और अधिकारियों के साथ कई बैठकों के बाद भी कोई ठोस समाधान नहीं निकला है, जिससे व्यापारिक समुदाय में निराशा बढ़ रही है। इसलिए, यदि सरकार से तुरंत कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो 27 अगस्त को राज्य भर में एक दिवसीय प्रतीकात्मक हड़ताल का आयोजन किया गया है। इस हड़ताल को देश भर के बड़े ट्रेड यूनियनों और महाराष्ट्र की सभी व्यापारी संघों का समर्थन प्राप्त हुआ है।
राज्यभर के व्यापारियों की बैठक में सुझाव दिया गया कि जो व्यापारी जीवन भर टैक्स भरते हैं, उन्हें टैक्स की राशि का 10 फीसदी पेंशन के रूप में मिलना चाहिए। रिटेल ग्रेन मर्चेंट्स एसोसिएशन के रमणिकलाल छेड़ा एवं अन्य व्यापारियों ने कहा कि राज्य के सभी व्यापारी हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं। सरकार हमारी मांगों पर ध्यान दे, ताकि राज्य में कारोबार का माहौल अच्छा बना रहे। यह एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल होगी,उम्मीद है कि सरकार व्यापारियों की मांगों पर ध्यान देगी।