महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार का पहला बजट 10 मार्च को पेश किया गया। वित्त मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 7,00,020 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। बजट में लाडकी बहिन योजना के लिए 36,000 करोड़ रुपये आवंटित किए, लेकिन भत्ता राशि में बढ़ोतरी की कोई घोषणा नहीं की। इसके साथ ही सीएनजी और एलपीजी वाहनों पर मोटर वाहन कर में एक प्रतिशत की वृद्धि का भी प्रस्ताव रखा गया। मुंबई महानगर क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर के आर्थिक विकास केंद्र यानी ग्रोथ हब के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। बजट में नई औद्योगिक नीति की घोषणा की गई।
सरकार ने बजट में राजकोषीय घाटा 1,36,234 करोड़ रुपये और कुल व्यय 7,00,020 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया है। राजस्व प्राप्तियां 5,60,963 करोड़ रुपये जबकि राजस्व व्यय 6,06,855 करोड़ रुपये रहने की बात कही गई है। सरकार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं वित्तीय प्रबंधन अधिनियम के अनुसार राजकोषीय घाटे को सकल राज्य आय के 3 प्रतिशत से नीचे रखने में भी सफल रही है। इसके अलावा, राज्य का राजस्व घाटा लगातार सकल राज्य आय के 1 प्रतिशत से कम बना हुआ है। वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा 1,36,235 करोड़ रुपये है।
पवार ने कहा कि राज्य हमेशा से औद्योगिक विकास में अग्रणी रहा है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में भी देश में शीर्ष पर है। जनवरी 2025 में दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच में राज्य सरकार ने कुल 63 कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इससे आगामी समय में 15,72,654 करोड़ रुपये का निवेश होगा। अनुमान है कि इससे लगभग 16 लाख नौकरियां पैदा होंगी। उपमुख्यमंत्री ने बजट में वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के क्रियान्वयन से पूर्व राज्य कर विभाग द्वारा क्रियान्वित विभिन्न कानूनों के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों पर बकाया राशि के निपटान के लिए अभय योजना की घोषणा की। इस योजना की अवधि 31 दिसंबर 2025 तक होगी।
सरकार ने 30 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर छह प्रतिशत का मोटर वाहन कर लगाने का प्रस्ताव किया है। मोटर वाहन कर की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है, जिससे लगभग 170 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है। मोटर वाहन कर में वृद्धि से राज्य के खजाने को 1,125 करोड़ रुपये का लाभ होगा। वाहन के प्रकार और कीमत के आधार पर निजी स्वामित्व वाले गैर-परिवहन चारपहिया सीएनजी और एलपीजी वाहनों पर मोटर वाहन कर में एक प्रतिशत बढ़ोतरी की भी घोषणा की गई। वर्तमान दर सात से नौ प्रतिशत है।
राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना के लिए 36,000 करोड़ रुपये आवंटित किए। हालांकि, बजट में योजना के लाभार्थियों को दिए जाने वाले भत्ते को 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये करने की चुनावी घोषणा के अनुरूप कोई उल्लेख नहीं किया गया है। हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राजकोषीय संतुलन हासिल होने के बाद महायुति सरकार का चुनावी वादा पूरा किया जाएगा, लेकिन यह अप्रैल से नहीं होगा।
पवार ने पड़ोसी पालघर जिले में निर्माणाधीन वधावन बंदरगाह के पास महानगर में तीसरा हवाई अड्डा बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि मुंबई महानगर क्षेत्र को विकास केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है और 2047 तक इसकी अर्थव्यवस्था 1.5 लाख करोड़ डॉलर की हो जाएगी। वधावन बंदरगाह के 2030 तक चालू हो जाने की बजट घोषणा भी की गई। सरकार ने ग्रामीण आवास के लिए 15,000 करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा की है, जिसका लक्ष्य 20 लाख घर बनाना है।
पवार ने कहा कि औद्योगिक नीति 2025 का उद्देश्य नए निवेश को आकर्षित करना और “मेक इन महाराष्ट्र” पहल को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र उद्योगों के लिए पसंदीदा गंतव्य बना रहेगा। मुंबई महानगर क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर के आर्थिक विकास केंद्र यानी ग्रोथ हब के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, कुर्ला-वर्ली, वडाला, गोरेगांव, नवी मुंबई, खारघर और विरार-बोईसर में सात स्थानों पर अंतर्राष्ट्रीय मानक व्यवसाय केंद्र बनाए जाएंगे। मुंबई महानगर क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को वर्तमान 140 बिलियन डॉलर से 2030 तक 300 बिलियन डॉलर और 2047 तक 1.5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य है।