प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध मध्य प्रदेश में राज्य सरकार की निवेश समर्थक नीतियों और कारोबारी सुगमता से जुड़े प्रयासों की बदौलत निरंतर निवेश आ रहा है। प्रदेश में औद्योगिक निवेश आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार लगातार अपनी नीतियों में अपेक्षित परिवर्तन कर रही है। राज्य के स्थायी निवासियों को औद्योगिक इकाइयों में रोजगार में प्राथमिकता दी जा रही है और बड़ी संख्या में उद्योगों को कर सहूलियत प्रदान की जा रही है।
उद्योगों को अधिकाधिक बढ़ावा देने के लिए शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी पेश की है जिसकी मदद से औद्योगिक इस्तेमाल के लिए निजी भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। राज्य सरकार छोटे उद्योगों को सब्सिडी देने और उन्हें रियायती दरों पर जमीन उपलब्ध कराने की योजनाओं पर भी काम कर रही है।
राजधानी भोपाल के निकट मंडीदीप में स्थित एचईजी लिमिटेड ऐसी सफलताओं का एक उदाहरण है। एचईजी द्वारा निर्मित ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड की मांग पूरी दुनिया में है। यह कंपनी स्टील प्लांट्स के लिए दुनिया में सबसे अधिक ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड बनाती है। ये इलेक्ट्रोड उन स्टील प्रोड्यूसर्स के लिए कच्चे माल का काम करते हैं जो पारंपरिक ब्लास्ट फर्न के बजाय इलेक्ट्रिक आर्क फेंस का इस्तेमाल करते हैं।
राजधानी भोपाल के निकट स्थित मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया में बनने वाले इन इलेक्ट्रोड को अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के देशों में सप्लाई किया जाता है।
यह भी पढ़ें: इनोवेशन के सहारे निवेश जुटाने के प्रयास में MP
एचईजी लिमिटेड मंडीदीप के सीएमडी रवि झुनझुनवाला कहते हैं, ‘प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियां निवेशकों के लिए बहुत आकर्षक हैं। एचईजी भी आने वाले समय में प्रदेश में करीब 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है। कंपनी देवास जिले के सिरसोदा गांव में एक संयंत्र लगा रही है जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 20 मीट्रिक टन होगी। इसके पहले चरण का उत्पादन जनवरी 2025 में आरंभ हो जाएगा और संयंत्र जनवरी 2028 तक पूरी क्षमता से काम करने लगेगा।’
अमेरिकी मल्टीनेशनल प्रॉक्टर ऐंड गैंबल भी मंडीदीप स्थित अपने संयंत्र में एरियल, टाइड, जिलेट और ओरल बी जैसे दैनिक उपयोग के उत्पाद बनाती है। वहीं वर्धमान टेक्सटाइल्स ने भी मंडीदीप में 180 एकड़ और 50 एकड़ में दो विनिर्माण इकाइयां स्थापित की हैं जहां करीब 15,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार हासिल है। इनमें 4,500 महिलाएं शामिल हैं।