मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में साइंस और टेक्नॉलजी पर आधारित उद्यमिता और निवेश (Entrepreneurship and Investment) को बढ़ावा देने के लिए हाल ही हमें अपनी पहली साइंस, टेक्नॉलजी और इनोवेशन नीति को मंजूरी दी है।
इस नीति का लक्ष्य है मध्य प्रदेश को इस क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करना। नीति का एक लक्ष्य मध्य प्रदेश को 2030 तक इंडिया इनोवेशन इंडेक्स (India Innovation Index) में शीर्ष पांच राज्यों में शामिल कराने का भी है। फिलहाल प्रदेश इस सूचकांक में 13वें स्थान पर है।
मध्य प्रदेश कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नवाचार (Innovation) के जरिए वृद्धि हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। वह इन क्षेत्रों में निजी उपक्रमों को बढ़ावा देने के लिए नवाचार आधारित बुनियादी ढांचा विकसित करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है।
इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने औद्योगिक निवेश आकर्षित करने के लिए नर्मदापुरम जिले के मोहासा-बाबई औद्योगिक क्षेत्र में 2,458 एकड़ जमीन उद्योगों को आवंटित करने का भी निर्णय लिया है।
यह जमीन टेक्सटाइल्स, गारमेंट्स, फूड प्रोसेसिंग आदि उद्योगों को आवंटित की जाएगी। मोहासा-बाबई में निवेशकों के लिए चुनिंदा जगहों पर जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने एमपी स्टेट इंडस्ट्रियल लैंड ऐंड बिल्डिंग मैनेजमेंट रूल्स, 2014 को शिथिल करते भूखंडों का ऑफलाइन आवंटन करने को मंजूरी प्रदान की है।
जमीन चाहने वाले उपक्रमों को तयशुदा फॉर्मेट में आवेदन करना होगा। जमीन आवंटित करने का निर्णय औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्द्धन विभाग के प्रमुख सचिव के नेतृत्व वाली समिति करेगी। जमीन आवंटन के लिए टेक्सटाइल्स और गारमेंट्स तथा फूड प्रोसेसिंग जैसे रोजगारपरक क्षेत्रों को प्राथमिकता वाली श्रेणी में रखा जाएगा।
मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम (MPIDC) के अधिकारियों के मुताबिक भोपाल, मंडीदीप और बुदनी में पहले से बड़ी टेक्सटाइल और गारमेंट फैक्टरियों की मौजूदगी के कारण बेस्ट कॉर्पोरेशन, इंडोरामा, महिमा फाइबर्स और वर्धमान जैसी टेक्सटाइल कंपनियां मोहासा-बाबई औद्योगिक इलाके में जमीन चाहती हैं।
MPIDC के आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, ‘मोहासा-बाबई की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि वहां संपर्क मार्ग और पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। इसके अलावा डेडिकेटेड वितरण कंपनी के माध्यम से बहुत प्रतिस्पर्धी कीमत पर बिजली भी उपलब्ध कराई जा रही है। यही वजह है कि यह इलाका औद्योगिक परियोजनाओं के लिए उपयुक्त है। हम मान कर चल रहे हैं कि राज्य सरकार का यह निर्णय आगामी 11-12 जनवरी को वैश्विक निवेश सम्मेलन में शामिल होने इंदौर आ रहे निवेशकों को जरूर आकर्षित करेगा।’