रविवार सुबह दिल्ली के रोहिणी इलाके के प्रशांत विहार में सीआरपीएफ स्कूल के पास एक जोरदार धमाका हुआ। हालांकि इस घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि धमाके के बाद बम निरोधक दस्ते और पुलिस की फॉरेंसिक टीम को मौके पर भेजा गया।
सुबह करीब 7:50 बजे इस धमाके की खबर मिली, जिसके बाद सीआरपीएफ स्कूल, सेक्टर 14, रोहिणी के पास की जगह को घेर लिया गया है। घटना स्थल पर क्राइम ब्रांच, स्पेशल सेल और फायर ब्रिगेड के वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंच गए हैं।
पुलिस ने बताया कि धमाके से स्कूल की दीवार, आसपास की दुकानें और एक कार को नुकसान हुआ है। मौके पर धुएं के गुबार देखे गए और सोशल मीडिया पर घटना का एक वीडियो भी सामने आया जिसमें घना सफेद धुआं उठता दिख रहा है।
दिल्ली फायर सर्विसेज (DFS) को “सीआरपीएफ स्कूल की बाउंड्री वॉल के पास” धमाके की जानकारी मिली। DFS के अधिकारियों ने बताया, “हमने तुरंत दो दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा, लेकिन वहां आग नहीं थी और कोई घायल नहीं हुआ। इसलिए हमारी गाड़ियां वापस लौट आईं।”
पुलिस का कहना है कि घटनास्थल से फॉरेंसिक टीम और क्राइम यूनिट नमूने जुटा रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “यह पटाखा हो सकता है, लेकिन हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं।”
घटना की जानकारी सुबह 7:47 बजे PCR कॉल से मिली। प्रशांत विहार थाना प्रभारी और उनकी टीम मौके पर पहुंची, जहां स्कूल की दीवार टूटी मिली और आसपास दुर्गंध फैली थी। पास की एक दुकान और एक कार के शीशे टूटे मिले।
पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि अपराध स्थल को घेर लिया गया है और फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) की टीम और बम निरोधक दस्ते को मौके पर बुलाया गया है। पुलिस CCTV फुटेज की जांच कर रही है और इलाके में निगरानी बढ़ा दी गई है।
धमाके के बाद स्थानीय लोग अपने घरों और दुकानों से बाहर आ गए। एक स्थानीय निवासी ने बताया, “सुबह करीब 7:30 बजे हमने एक जोरदार आवाज सुनी। हमें लगा कि कोई गैस सिलेंडर फट गया है। हमने तुरंत पुलिस और फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना दी। कई दुकानों के शीशे टूट गए।”
राकेश गुप्ता, जो पास ही रहते हैं, ने बताया कि धमाके के बाद लोग तुरंत अपने घरों से बाहर आ गए। “हमें समझ नहीं आ रहा है कि क्या हुआ है। पुलिस जांच कर रही है।”
सुमित, जो धमाके के पास ही चश्मों की दुकान चलाते हैं, ने कहा, “मेरी दुकान के शीशे टूट गए। दुकान के अंदर की चीजें नीचे गिर गईं। यह बहुत तेज धमाका था।”