लोक सभा में शुक्रवार को विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के सदस्यों ने मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा-नीट- में कथित अनियमितताओं पर चर्चा की मांग की। इसे लेकर हुए हंगामे के बीच अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
राज्य सभा में सुबह के सत्र में स्थगन के बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा चर्चा शुरू हुई। इस बीच जहां नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ‘इंडिया’ गठबंधन के अन्य सदस्यों के साथ आसन के समक्ष पहुंचे। उन्होंने भी पेपर लीक के मसले पर चर्चा की मांग की। कांग्रेस की सांसद फूलो देवी नेताम विरोध प्रदर्शन के दौरान अचेत हो गईं और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा।
सभापति जगदीप धनखड़ ने खरगे के आसन के समक्ष आने की आलोचना करते हुए कहा कि इससे सदन का इतिहास कलंकित हुआ है। धनखड़ ने कहा कि इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। बाद में उन्होंने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
धनखड़ के दावे का विरोध करते हुए कांग्रेस के जयराम रमेश ने कहा, ‘स्मृतियां तब कमजोर हो जाती हैं जब पुराने प्रतिपक्षी नए साझेदार बन जाते हैं।’ उनका संकेत 5 अगस्त, 2019 की ओर था जब विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद सभापति की सीट की ओर जा रही सीढ़ियों पर बैठ गए थे। वह भी आसन के निकट है। वह अनुच्छेद 370 के खात्मे का विरोध कर रहे थे। रमेश ने कहा कि वह उनके बगल में ही बैठे थे।
बाद में खरगे ने धनखड़ पर आरोप लगाया कि जब वह राज्य सभा में बोलना चाहते थे तब धनखड़ ने उनकी अनदेखी करके उन्हें अपमानित किया। मजबूरी में उन्हें आसन के सामने जाना पड़ा।
नेताम की तबियत खराब होने के बाद विपक्ष ने सदन स्थगित करने की मांग की लेकिन इसे नकार दिया गया। सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा जारी रही। ‘इंडिया’ गठबंधन ने कार्यवाही का बहिष्कार किया। तृणमूल कांग्रेस के एक नेता के मुताबिक बीजू जनता दल के नौ सदस्य आसन के सामने गए जबकि वह गठबंधन का हिस्सा नहीं है। भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया।
लोक सभा में बिरला ने विरोध कर रहे ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं से कहा कि सदन में पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा होगी। गठबंधन अपनी मांग पर अड़ा रहा तो अध्यक्ष ने सदन को सोमवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया। संसदीय मामलों के मंत्री किरण रीजीजू ने कहा कि विपक्ष राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भी इस मुद्दे को उठा सकता था।
बाद में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार थी। उन्होंने कहा कि संसद की परंपरा के मुताबिक राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा को किसी भी अन्य मुद्दे पर प्राथमिकता दी जाती है। मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति ने गुरुवार को अपने अभिभाषण में पेपर लीक के मुद्दे और उससे निपटने की सरकार की कोशिशों का जिक्र किया था।
प्रधान ने कहा कि विपक्षी सांसदों को अभिभाषण पर चर्चा के दौरान ही मुद्दा उठाना था। राज्य सभा में जनता दल सेक्युलर के एच डी देवेगौड़ा सरकार के समर्थन में नजर आए।
लोक सभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन नीट परीक्षा और पेपर लीक के मुद्दों पर सरकार के साथ सकारात्मक चर्चा करना चाहता है। यह एक गंभीर विषय है जिसने देश भर के लाखों परिवारों को चिंतित और निराश किया है। उन्होंने लोक सभा में यह मुद्दा उठाया था और आरोप लगाया था कि उनका माइक्रोफोन बंद था।
सदन का विशेष सत्र 3 जुलाई को समाप्त हो रहा है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी दिन चर्चा का उत्तर देंगे।