राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चार जानी-मानी हस्तियों को राज्यसभा के लिए नामित किया है। इनमें सबसे चर्चित नाम है क्रिमिनल लॉयर उज्ज्वल निकम का, जिन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब के खिलाफ पैरवी की थी।
यह नामांकन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80(1)(a) और इसकी उपधारा (3) के तहत किया गया है। इस संबंध में अधिसूचना रविवार, 13 जुलाई को जारी की गई।
किन-किन को किया गया है नामित:
उज्ज्वल निकम: कसाब को फांसी की सजा दिलाने वाले वकील उज्ज्वल निकम ने 1993 मुंबई ब्लास्ट केस में भी 14 साल लंबी सुनवाई में महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पैरवी की थी। इस केस में 100 से ज्यादा आरोपियों को सजा मिली थी। उन्होंने गुलशन कुमार मर्डर केस और शक्ति मिल गैंगरेप जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों में भी आरोपियों के खिलाफ मजबूत केस पेश किया था। साल 2016 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया। साल 2024 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था।
सी सदानंदन मास्टर: केरल के कन्नूर से आने वाले सदानंदन मास्टर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ कार्यकर्ता और सोशल वर्कर हैं। 1994 में जब उन्होंने अपनी विचारधारा बदली, तब CPI(M) के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया था और उनके दोनों पैर काट दिए थे। फरवरी 2025 में केरल हाईकोर्ट ने इस हमले में शामिल आठ CPI(M) कार्यकर्ताओं की सजा को बरकरार रखा। साल 2016 में बीजेपी ने उन्हें केरल विधानसभा चुनाव में कूथूपरंबा सीट से उतारा था।
हर्षवर्धन श्रृंगला: पूर्व राजनयिक श्रृंगला 2020 से 2022 तक भारत के 33वें फॉरेन सेक्रेटरी रहे। उन्होंने अमेरिका (2019–2020), बांग्लादेश (2016–2019) और थाईलैंड (2014–2016) में भारत के राजदूत के तौर पर सेवाएं दी हैं। 2023 में भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान वे इसके चीफ कोऑर्डिनेटर रहे।
मीनाक्शी जैन: इतिहासकार और लेखक मीनाक्षी जैन दिल्ली यूनिवर्सिटी के गर्गी कॉलेज में असोसिएट प्रोफेसर रही हैं। वे नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की फेलो भी रह चुकी हैं। साल 2020 में उन्हें साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उनकी प्रमुख किताबों में Sati: Evangelicals, Baptist Missionaries, and the Changing Colonial Discourse और Medieval India शामिल हैं।