उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर निजी निवेश से पर्यटन उद्योग को पंख लगेंगे और रोजगार का सृजन होगा। हाल ही में संपन्न हुए वैश्विक निवेशक सम्मेलन में उत्तर प्रदेश में पर्यटन उद्योग में 98193 करोड़ रुपये निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इनमें बड़े पैमाने पर विदेशी निवेशक भी हैं जिन्होंने प्रदेश में होटल बनाने को लेकर रुचि दिखायी है।
औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जीआईएस के दौरान पर्यटन के क्षेत्र में 98193 करोड़ तो अकेले होटल सेक्र में ही 20722 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए हैं।
प्रदेश में साल दर साल पर्यटकों की बढ़ती आमद को देखते हुए इस क्षेत्र में निवेशकों की रुचि बढ़ रही है और रोजगार के नए अवसर खुल रहे हैं। पर्यटन विभाग के आंकड़ो के मुताबिक वर्ष 2022 में 24. 87 करोड़ पर्यटक उत्तर प्रदेश आये, इनमें से विदेशियों की संख्या 4.10 लाख रही। विभाग का कहना है आगामी वर्षों में होटल व पर्यटन दोनों सेक्टरों से रोजगार के लगभग पौने चार लाख अवसर सृजित होंगे।
अधिकारियों का कहना है कि हाल के वर्षों में विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के निर्माण और विंध्यधाम के निर्माणाधीन होने के साथ ही आगरा, मथुरा, चित्रकूट, झांसी समेत अन्य शहरों का भी पर्यटन की दृष्टि से काफी विकास हुआ। इसके चलते जीआईएस-2023 में भी प्रदेश के शहरों में पर्यटन व होटल के मद्देनजर काफी निवेश आया है। यह निवेश सिर्फ देश ही नहीं, वरन विदेशी कंपनियों ने भी किए।
पर्यटन सेक्टर में उत्तर प्रदेश को वैश्विक निवेशक सम्मेलन में 397 प्रस्ताव प्राप्त हुए। इससे दो लाख 60 हजार से अधिक रोजगार मिलेंगे, जबकि होटल सेक्टर में 437 प्रस्ताव प्राप्त हुए। 20722 करोड़ रुपये होटल सेक्टर में आने वाले दिनों में यूपी में खर्च होंगे। इससे पश्चिमांचल, पूर्वांचल, मध्यांचल और बुंदेलखंड में करीब एक लाख युवा रोजगार पाने में सफल होंगे।
जीआईएस में जापान के निवेशकों ने 7200 करोड़ के निवेश को लेकर एमओयू किया। समिट में जापानी कंपनी होटल मैनेजमेंट इंटरनेशनल कंपनी लिमिटेड (एचएमआई ग्रुप) ने आगरा, अयोध्या, वाराणसी समेत 30 शहरों में होटल खोलने में रुचि दिखायी है। ग्रुप के निदेशक, पब्लिक रिलेशन टाकामोटो योकोयामा ने कहा भी कि वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के विकास के बाद यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ी।
पर्यटन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश के धार्मिक स्थलों में लोगों की आमद में जबरदस्त वृद्ध हुयी है। प्रयागराज के संगम तीरे लगे माघ मेले में ही यहां बीते माह 44 दिन में लगभग 9 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने आए थे। इस मेले में ही लगभग 156 करोड़ का कारोबार हुआ और दो लाख लोग अस्थायी रोजगार से भी जुड़े रहे।
सिर्फ अयोध्या में ही 2022 के शुरुआती छह महीने में ही यहां दो करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे थे। 2017 में यहां लगभग 1 करोड़ 78 लाख से अधिक पर्यटक आये। 2018 में 1 करोड़ 95 लाख पर्यटकों ने अयोध्या के विकास को देखा। 2019 में यह आंकड़ा 2 करोड़ को पार कर गया। अकेले वर्ष 2022 के महज 6 महीने में 2.21 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने राम नगरी में आमद दर्ज करायी है।