facebookmetapixel
सरकार ने नोटिफाई किए डिजिटल निजी डेटा संरक्षण नियम, कंपनियों को मिली 18 महीने की डेडलाइनबिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA 200 के पार, महागठबंधन की करारी हारबिहार की करारी हार से राजद-कांग्रेस के समक्ष अस्तित्व का संकट, मोदी बोले- पार्टी अब टूट की ओरबिहार में NDA की प्रचंड जीत से बैकफुट पर विपक्ष, चुनाव आयोग पर उठाए सवालNDA की जीत में पासवान, मांझी गठबंधन ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी: 10 बिंदुओं में बिहार चुनाव नतीजों के निष्कर्षबिहार में बंपर जीत के बाद बोले PM मोदी: पश्चिम बंगाल से भी ‘जंगलराज’ को उखाड़ फेंकेंगेबिहार में नीतीश–मोदी फैक्टर की धमक: भाजपा की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा की राह में अब नहीं कोई बाधाबिहार चुनाव 2025: जदयू और भाजपा ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी, AIMIM को झटकाNDA के वादे और वित्तीय सीमाएं: ‘विकसित बिहार’ का सपना कितना संभव?सेबी 17 दिसंबर की बैठक में करेगा हितों के टकराव और खुलासा नियमों की सिफारिशों पर विचार

आधार-वोटर कार्ड लिंकिंग पर बड़ा अपडेट, जानें क्या बोला चुनाव आयोग?

सरकार ने संसद में पहले ही साफ किया है कि आधार और वोटर कार्ड को जोड़ने की प्रक्रिया पूरी तरह से स्वैच्छिक (voluntary) है।

Last Updated- March 18, 2025 | 10:51 PM IST
election commission

चुनाव आयोग (EC) ने मंगलवार को कहा कि वोटर कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया सिर्फ कानून और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार ही की जाएगी। आयोग ने यह भी बताया कि इस काम के लिए UIDAI (आधार प्राधिकरण) और EC के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच बातचीत जल्द शुरू होगी।

इस मुद्दे पर चुनाव आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव, कानून मंत्रालय के विधि सचिव, MeitY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) के सचिव और UIDAI के सीईओ के साथ बैठक की। चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, मतदान का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को ही दिया जा सकता है। वहीं, आधार कार्ड केवल किसी व्यक्ति की पहचान साबित करता है।

आयोग ने स्पष्ट किया कि वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने का काम संविधान के अनुच्छेद 326, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6), और सुप्रीम कोर्ट के 2023 के फैसले के अनुसार ही किया जाएगा।

सरकार ने संसद में पहले ही साफ किया है कि आधार और वोटर कार्ड को जोड़ने की प्रक्रिया पूरी तरह से स्वैच्छिक (voluntary) है। इस काम के लिए कोई लक्ष्य या समय सीमा तय नहीं की गई है। साथ ही सरकार ने यह भी कहा है कि अगर कोई व्यक्ति अपने वोटर कार्ड को आधार से नहीं जोड़ता है, तो उसका नाम वोटर लिस्ट से हटाया नहीं जाएगा।

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23 के मुताबिक, वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या पहचान स्थापित करने के लिए आधार नंबर देना पूरी तरह से स्वैच्छिक है। (PTI के इनपुट के साथ)

First Published - March 18, 2025 | 10:31 PM IST

संबंधित पोस्ट