सरकार प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना में ज्यादा आवेदकों को आकर्षित करने के लिए थोड़ा बदलाव कर सकती है। घटनाक्रम के जानकारों का कहना है कि इसके तहत आवेदकों की आयु सीमा बढ़ाई जा सकती है और शैक्षणिक योग्यता में ढील दी जा सकती है।
सूत्रों ने कहा कि इंटर्नशिप योजना को 2 दिसंबर से शुरू किया जाना था मगर इसके लिए उम्मीद के मुताबिक बड़ी संख्या में आवेदन नहीं आए। इसलिए सरकार इस मुद्दे के समाधान पर विचार कर रही है। लोक सभा में एक प्रश्न के जवाब में सरकार ने कहा कि कंपनी मामलों के मंत्रालय को कंपनियों में 1.27 लाख इंटर्नशिप अवसरों के लिए 6.21 लाख आवेदन मिले हैं।
सूत्रों ने कहा कि कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय इस योजना के तहत पात्रता के लिए आयु वर्ग को मौजूदा 21 से 24 साल से बढ़ाकर 18 से 26 साल कर सकता है। इसके साथ ही शैक्षणिक योग्यता में भी ढील दी जा सकती है। इंटर्नशिप के लिए उम्मीदवारों की मौजूदा पात्रता मानदंड के अनुसार उन्हें हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल पास होना चाहिए। इसके अलावा उनके पास औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) का प्रमाण पत्र होना चाहिए, किसी पॉलिटेक्निक संस्थान से डिप्लोमा अथवा स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।
इस बाबत जानकारी के लिए कंपनी मामलों के मंत्रालय को भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया। सरकारी द्वारा नौकरियों को बढ़ावा दिए जाने की पहल के तहत इस योजना की घोषणा बजट 2024-25 में की गई थी। इसके तहत सरकार ने पांच साल के दौरान शीर्ष 500 कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने की घोषणा की थी। इंटर्नशिप योजना को परीक्षण के आधार पर 3 अक्टूबर को शुरू किया गया था।
एक अन्य सूत्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा औपचारिक तौर पर इस योजना के उद्घाटन में देरी हुई लेकिन कई आवेदकों ने 2 दिसंबर को ही इस योजना के अनुसार इंटर्नशिप शुरू कर दी थी। मगा ऐसे प्रशिक्षुओं की संख्या उपलब्ध नहीं है। इस योजना के तहत इंटर्नशिप के पूरे 12 महीनों के दौरान प्रशिक्षुओं को 5,000 रुपये प्रति महीने वजीफा भी दिया जाएगा। इसमें सरकार 4,500 रुपये का योगदान करेगी जबकि कंपनी अपने कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) कोष से 500 रुपये का योगदान करेगी।
पीएम इंटर्नशिप पायलट परियोजना के लिए जारी दिशानिर्देशों में एक निगरानी एवं संचालन समिति गठित करने का प्रावधान है। इस समिति में उद्योग प्रतिनिधियों के साथ-साथ सभी हितधारक शामिल होंगे। समिति इस परियोजना के डिजाइन, कार्यान्वयन, संचालन एवं अन्य पहलुओं की देखरेख करेगी।
पायलट परियोजना के कार्यान्वयन के दौरान नतीजों पर नजर रखने और सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए एक निगरानी, मूल्यांकन एवं शिक्षण ढांचा भी प्रदान किया गया है।
उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग के दौरान उन लोगों को बाहर कर दिया जाएग जो आवेदन के लिए पात्र नहीं हैं। इनमें चार्टर्ड अकाउंटेंट, सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) अथवा भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) से डिग्री प्राप्त उम्मीदवार शामिल हैं। अगर आवेदक के परिवार के किसी सदस्य की आय वित्त वर्ष 2023-24 में 8 लाख रुपये से अधिक है अथवा वह सरकारी कर्मचारी है तो उसे पात्र नहीं माना जाएगा।