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भारत का अपना AI कुछ ही महीनों में, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने पेश किया खाका; जानिए डिटेल्स

सरकार ने आधारभूत मॉडल को विकसित करने के लिए चुनी जाने वाली कंपनियों को आ​​र्थिक मदद देने के लिए द्विआयामी दृ​ष्टिकोण का भी खाका तैयार किया है।

Last Updated- January 30, 2025 | 11:22 PM IST

चीन की स्टार्टअप डीपसीक ने अपने आर्टि​फिशल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल से दुनिया भर को चकित किया है। इसी को देखते हुए केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एआई क्षेत्र में भारत की महत्त्वाकांक्षी योजना का खाका पेश किया। वैष्णव ने आज कहा कि भारत कई आधारभूत आर्टि​फिशल इंटेलिजेंस मॉडल विकसित करेगा, जो अगले 8 से 10 महीनों में उपयोग के लिए तैयार
हो जाएंगे।

वैष्णव ने बताया, ‘हमारा मानना है कि कम से कम 6 डेवलपर हैं जो सामान्य रूप से अगले 8 से 10 महीनों में आधारभूत मॉडल तैयार कर लेंगे। और अगर वे तेजी से काम करें तो यह 4 से 6 महीने में तैयार हो सकता है।’

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय पिछले 18 महीनों से लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) और स्मॉल लैंग्वेज मॉडल (एसएमएल) क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ भारत के आधारभूत एआई मॉडल का ढांचा वि​कसित करने के लिए काम कर रहा है। वैष्णव ने कहा कि ये मॉडल भारत में विकसित किए जाएंगे, जो किफायती होंगे और दुनिया भर में होड़ करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन आधारभूत मॉडल में देश की सांस्कृतिक बारीकियों, भारतीय नागरिकों के डेटा की सुरक्षा और संरक्षा जैसे पहलुओं का भी ध्यान रखा जाएगा।
स्वेदशी एआई मॉडल विकसित करने के लिए चुनी जाने वाली कंपनियों का मूल्यांकन उनकी टीम की क्षमता, रणनीति, उनके नैतिक विचार, भारत की समस्याएं, उसके उपयोग की समयसीमा, वित्तीय व्यवहार्यता और मॉडल को व्यापक स्तर पर उपयोग करने की क्षमता आदि के आधार पर किया जाएगा।

सरकार ने आधारभूत मॉडल को विकसित करने के लिए चुनी जाने वाली कंपनियों को आ​​र्थिक मदद देने के लिए द्विआयामी दृ​ष्टिकोण का भी खाका तैयार किया है। सीधी वित्तीय मदद के तहत आधारभूत मॉडल को वि​कसित करने के लिए आ​र्थिक सहायता दी जाएगी। इसमें चरणबद्ध तरीके से निर्धारित स्तर तक काम पूरा होने पर कंपनियों को पैसे आवंटित किए जाएंगे। इसके अलावा इक्विटी-आधारित मदद की भी योजना है। निवेश की इस प्रक्रिया में निजी निवेशक भी हिस्सा ले सकेंगे।
चीन की डीपसीक द्वारा अपने एआई के नए संस्करण को पेश किए जाने के मद्देनजर सरकार ने स्वदेशी आधारभूत मॉडल वि​कसित करने और उसका उपयोग करने का लक्ष्य रखा है। डीपसीक ने अपना एआई काफी कम खर्च में बनाया है।

भारत में एआई मॉडल इंडिया एआई मिशन के तहत विकसित किए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च 2024 में इस मिशन के लिए 10,372 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी और देश के लिए 10,000 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) खरीदने की बात कही गई थी।

वैष्णव ने कहा कि 10,000 जीपीयू खरीदने के लक्ष्य के बजाय सरकार ने एच100, एच200, एमआई325 और एमआई300एक्स जैसे नवीनतम संस्करणों के 18,693 जीपीयू खरीदने और आपूर्ति करने के लिए 10 कंपनियों को सूचीबद्ध किया है।

एच100 और एच200 सबसे तेज और तकनीकी रूप से सबसे उन्नत जीपीयू हैं, जिन्हें एनवीडिया ने तैयार किया है। इसी तरह एमआई 325 और एमआई 300एक्स एएमडी द्वारा विकसित उच्च स्तरीय जीपीयू हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म, टाटा समूह की टाटा कम्युनिकेशंस और हीरानंदानी समूह के स्वामित्व वाली योट्टा डेटा सर्विसेज देश में स्टार्टअप, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं तथा अन्य उपयोगकर्ताओं के लिए इन जीपीयू की खरीद और आपूर्ति करेंगी। सीएमएस कंप्यूटर्स इंडिया, ई2ई नेटवर्क्स और लोकज एंटरप्राइजेज सॉल्यूशंस जैसी अन्य कंपनियों ने भी इन जीपीयू की आपूर्ति के लिए इंडिया एआई मिशन के तहत पात्र पाई गई हैं।

वैष्णव ने कहा, ‘कुल मिलाकर हमारे पास लगभग 15,000 उच्च स्तरीय जीपीयू होंगे। आपको कुछ चीजों की जानकारी देने के लिए डीपसीक को 2,000 जीपीयू पर प्रशिक्षित किया गया है जबकि चैट जीपीटी के चौथे संस्करण को 25,000 जीपीयू पर प्रशिक्षित किया गया था। 18,693 जीपीयू की खरीद से हमें बेहद मजबूत कंप्यूटिंग सुविधा मिलेगी जिससे एआई ऐप्लिकेशंस, मॉडल और प्रशिक्षण प्रक्रिया तथा नए एल्गोरिदम बनाने में मदद मिलेगी।’वैष्णव ने कहा, ‘10 कंपनियों द्वारा लगाई गई बोली के आधार पर प्रति एआई कंप्यूट यूनिट की औसत कीमत 115.85 रुपये प्रति जीपीयू घंटा है, जबकि उच्च स्तरीय यूनिट में यह 150 रुपये प्रति घंटा आता है। दुनिया भर में इसकी बेंचमार्क लागत तकरीबन 2.5 से 3 डॉलर प्रति जीपीयू घंटे की है।’सरकार स्टार्टअप, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, शैक्षणिक संस्थानों और विभिन्न उद्देश्यों के लिए जीपीयू का उपयोग करने के इच्छुक छात्रों को बाजार दर पर 40 फीसदी की छूट देगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि सरकार छह महीने या एक साल और उससे अधिक समय के उपयोग के लिए साइन अप करने वाले उपयोगकर्ताओं को 40 फीसदी के अलावा अतिरिक्त छूट भी दे सकती है। उन्होंने कहा ​कि ये प्रोत्साहन और छूट केवल अगले 4 साल के लिए होंगे।

वैष्णव ने कहा कि अलग हितधारकों के साथ सरकार स्वेदशी जीपीयू वि​कसित करने पर भी काम कर रही है। सरकार ने कृ​षि, सीखने में अक्षमता और जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने के लिए एआई टूल विकसित करने वाले 18 आवेदनों को भी चुना है जिन्हें आ​र्थिक सहायता दी जाएगी। डीपसीक द्वारा चीनी सर्वर पर डेटा भेजने और डेटा गोपनीयता की चिंता को दूर करने के लिए सरकार ओपन-सोर्स कोड और आधारभूत मॉडल की तकनीकी रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है और इसे भारतीय सर्वर पर होस्ट करेगी।

First Published - January 30, 2025 | 11:22 PM IST

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