सरकार ने सोमवार को एक संसदीय समिति को बताया कि भारत ने आयात शुल्क घटाने के लिए अमेरिका से कोई वादा नहीं किया है और न ही अमेरिकी सरकार ने भारत को 2 अप्रैल तक ऐसा करने के लिए कहा है। सरकार के प्रतिनिधियों ने समिति को बताया कि बातचीत चल रही है और भारत ने सितंबर तक का समय मांगा है।
सोमवार शाम विदेश मामलों की स्थायी समिति की बैठक में सरकारी प्रतिनिधियों ने बताया कि भारत कुछ वस्तुओं जैसे बादाम आदि पर शुल्क कम कर सकता है लेकिन अपने डेरी उद्योग की रक्षा करेगा। हालांकि द्विपक्षीय शुल्क घटाया जाएगा और इसे बहुपक्षीय समझौतों में नहीं दोहराया जाएगा।
समिति के सदस्यों ने सवाल किया कि कनाडा और मेक्सिको जैसे देशों ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी शुल्क की धमकी दी है, इस पर सरकारी प्रतिनिधियों ने कहा कि भारत के व्यापार और सुरक्षा संबंधों की तुलना मेक्सिको और कनाडा से नहीं की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि 13 फरवरी को वॉशिंगटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया था कि दोनों पक्ष 2025 में सितंबर तक पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले दौर की वार्ता को अंतिम रूप देंगे।
वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली 30 सदस्यीय समिति को भारत के विदेशी व्यापार और नीति के मौजूदा विकास के बारे में जानकारी दी वहीं विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सदस्यों को मौजूदा विदेश नीति से जुड़े घटनाक्रम के बारे में बताया।
शुक्रवार को ट्रंप ने कहा कि भारत अपने शुल्क को ‘काफी कम’ करने के लिए सहमत हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘भारत हम पर काफी शुल्क लगाता है और आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते हैं। यह काफी प्रतिबंधात्मक क्षेत्र है। हम यहां बहुत कम व्यापार करते हैं।’
ट्रंप ने कहा, ‘वे सहमत हो गए हैं और अब वे अपने शुल्क को काफी कम करना चाहते हैं। चीन के साथ-साथ कई अन्य देशों के साथ भी यही दिक्कत है। यूरोपीय संघ ने अमेरिका का भयानक दुरुपयोग किया है।’
ट्रंप की यह टिप्पणी वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की अमेरिका यात्रा के बाद आई है। गोयल अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हावर्ड लटनिक के साथ व्यापार वार्ता करने के लिए गए थे। गुरुवार को ट्रंप ने कहा था कि भारत उच्च शुल्क लगाने वाला देश है साथ ही उन्होंने यह भी दोहराया कि अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क लगाने वाले देशों पर बराबरी वाले शुल्क 2 अप्रैल से लगाए जाएंगे।
सरकार के प्रतिनिधियों ने संसदीय समिति से कहा कि अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर भारत से नहीं कहा है कि 2 अप्रैल तक शुल्क में कटौती की जाए। सरकारी प्रतिनिधियों ने ब्रह्मपुत्र नदीं पर मेगा हाइड्रोपावर बांध बनाने की चीन की कथित योजना पर भी जानकारी दी।