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भारत बना अवैध सट्टेबाजी का गढ़, युवाओं में लगा रहे लत; एक साल में 5.4 अरब लॉगइन

रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में भारत में ऐसे 15 अनधिकृत प्लेटफॉर्म पर 5.4 अरब लॉगइन हुए

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शाइन जेकब   
Last Updated- June 01, 2025 | 11:19 PM IST

भारत में अवैध सट्टेबाजी एवं जुए का बाजार तेजी से बढ़ता जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में भारत में ऐसे 15 अनधिकृत प्लेटफॉर्म पर 5.4 अरब से अधिक लॉगइन किए गए। भारत में सुरक्षा के बुनियादी उपायों एवं नियमों के अभाव में भारत में ऐसे प्लेटफॉर्म की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
कट्स इंटरनैशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म पर आने वाले आक्रामक वित्तीय प्रोत्साहन और रैपिड-फायर (तत्काल सवाल-जवाब आधारित) सट्टेबाजी उत्पाद, नाबालिगों और अन्य उपयोगकर्ताओं को जुए की लत लगा रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार ये प्लेटफॉर्म 28 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) से मुक्त हैं जिससे वे उपयोगकर्ताओं को अधिक आकर्षक भुगतान और विनियमित साइट पर तत्काल हार-जीत वाले खेलों के साथ लुभाते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन अवैध प्लेटफॉर्म पर वार्षिक जमा राशि 100 अरब डॉलर के करीब है।

कट्स इंटरनैशनल की ‘फिक्सिंग द ऑड्स: ए पॉलिसी ब्लूप्रिंट फॉर कर्बिंग ईलीगल ऑनलाइन गैंबलिंग इन इंडिया’ रिपोर्ट से पता चला है कि अवैध जुआ संचालक युवा वयस्कों, अधिक खर्च करने वालों और विशेष रूप से जुए के प्रति अधिक संवेदनशील व्यक्तियों को लक्ष्य बनाकर नियामकीय खामियों का फायदा उठा रहे हैं। कट्स इंटरनैशनल के विश्लेषण के अनुसार केवल एक वर्ष में शीर्ष 15 अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म और उनकी ‘मिरर’ (वैसी ही दिखने वाली) साइट पर 5.4 अरब से अधिक लॉग-इन हुए जो इस विकराल समस्या की गंभीरता को दर्शाते हैं।

कट्स के संस्थापक एवं महासचिव प्रदीप मेहता ने कहा, ‘इस रिपोर्ट में नीतिगत खामियों की समीक्षा से एक गंभीर स्थिति का पता चलता है। एक ओर जहां दुनिया के देश अवैध सट्टेबाजी एवं जुए पर नकेल कसने के लिए कड़े नियम कानून लागू कर रहे हैं वहीं भारत में बुनियादी सुरक्षा उपायों का सख्त अभाव है। कड़े सुरक्षा प्रावधानों के अभाव में ये प्लेटफॉर्म कम जानकार लोगों को अपने जाल में फंसाते रहेंगे। भारतीय उपयोगकर्ताओं को बचाने के लिए हमें तेजी से कदम उठाने होंगे और अपने डिजिटल तंत्र में भरोसा मजबूत करना होगा।‘

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘मार्च, 2025 के लिए परीमैच की ट्रैफिक हिस्सेदारी एमेजॉन डॉट इन, विकीपीडिया डॉट ओआरजी, गूगल डॉट को डॉट इन, एक्स डॉट कॉम, हॉटस्टार डॉट कॉम, फ्लिपकार्ट डॉट कॉम, लिंक्डइन डॉट कॉम, कोरा डॉट कॉम और रेडिट डॉट कॉम जैसे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले प्लेटफॉर्म से भी आगे निकल गई।‘

वित्त मंत्रालय ने 22 मार्च, 2025 को विदेशी ऑनलाइन इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की घोषणा की थी, जिनमें लगभग 700 की जांच की जा रही है। अब तक, 357 अवैध या गैर-अनुपालन वाली वेबसाइट/यूआरएल ब्लॉक कर दिए गए हैं और अन्य मजबूत कदमों के अलावा लगभग 2,000 बैंक खातों पर भी रोक लगाई गई है।

First Published : June 1, 2025 | 11:19 PM IST