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दूसरी तिमाही के दौरान प्रमुख सीमेंट कंपनियों की आय में मजबूती का अनुमान

ब्रोकरेज रिपोर्टों के अनुसार बेहतर बिक्री और मूल्य निर्धारण के कारण सालाना आधार पर प्रति टन एबिटा में 40-70 प्रतिशत इजाफे की उम्मीद है

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प्राची पिसल   
Last Updated- October 12, 2025 | 9:58 PM IST

बेहतर प्राप्तियों, कीमतों और मजबूत बिक्री वृद्धि के बीच शीर्ष भारतीय सीमेंट कंपनियां वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर मजबूत आय वृद्धि दर्ज कर सकती हैं। हालांकि यह बढ़ोतरी कम आधार के बल पर होगी।

ब्रोकरेज रिपोर्टों के अनुसार बेहतर बिक्री और मूल्य निर्धारण के कारण सालाना आधार पर प्रति टन एबिटा में 40-70 प्रतिशत इजाफे की उम्मीद है। सीमेंट कीमतें सालाना आधार पर लगभग 5 प्रतिशत बढ़कर 350-365 रुपये प्रति बैग हो गई। इससे कंपनियों को बेहतर प्राप्तियों में मदद मिली।

एलारा कैपिटल के विश्लेषकों के अनुसार तिमाही आधार पर कमजोर मांग, मरम्मत और रखरखाव पर अधिक खर्च, नकारात्मक परिचालन दक्षता और नरम सीमेंट कीमतों (2 प्रतिशत की गिरावट) से प्राप्तियों पर नकारात्मक असर (2 प्रतिशत की कमी) के कारण आय घटने का अनुमान है।

जेएम फाइनैंशियल के विश्लेषकों ने कहा कि तिमाही के दौरान उद्योग की बिक्री में सालाना आधार पर 4-5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है। अल्ट्राटेक सीमेंट और अंबुजा सीमेंट्स इस वृद्धि से बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं जिसमें इंडिया सीमेंट्स और केसोराम सीमेंट का भी योगदान होगा।

इंडिया सीमेंट्स और केसोराम सीमेंट की बिक्री को भी शामिल कर दें तो अल्ट्राटेक की बिक्री में सालाना आधार पर 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान है। हालांकि, इन्हें हटाते हुए बात करें तो यह वृद्धि साल-दर-साल के हिसाब से 4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पेन्ना सीमेंट और ओरिएंट सीमेंट की बिक्री की बदौलत अंबुजा की बिक्री में साल-दर-साल 15 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विश्लेषकों के अनुसार अगर इन दोनों को हटा दें तो उसकी बिक्री मात्रा में एक साल पहले की तुलना में 2 प्रतिशत के इजाफे की संभावना है।

ऐ​क्सिस सिक्योरिटीज इक्विटी रिसर्च के अनुसार ज्यादा बारिश और मांग में नरमी के कारण दूसरी तिमाही में सीमेंट की कीमतों में वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही की ऊंची कीमतों के बाद  0.5-1 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई है।

मॉनसून के मौसम में कीमतें आमतौर पर कम हो जाती हैं। सीमेंट पर जीएसटी दर में कटौती (28 प्रतिशत से 18 प्रतिशत) के कारण यह दबाव और भी बढ़ गया क्योंकि कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को देना पड़ा। लिहाजा, दूसरी तिमाही के अंत में सकल खुदरा कीमतों में गिरावट आई।

लेकिन ऐ​क्सिस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने बताया कि वित्त वर्ष 2026 की शुरुआत में बेहतर मूल्य अनुशासन और क्षेत्रीय विविधताओं के बावजूद ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सीमेंट की खपत के अच्छे रुझान के कारण कीमतें सालाना आधार पर ऊंची रहने की उम्मीद है।

प्रभुदास लीलाधर कैपिटल के विश्लेषकों ने तिमाही के दौरान सुस्त बिक्री वृद्धि का कारण सीमेंट की कमजोर मांग को बताया जिस पर लंबे समय तक बारिश, मजदूरों की कमी, जीएसटी कटौती की उम्मीद और विभिन्न क्षेत्रों में त्योहारों से जुड़ी बाधाओं का असर पड़ा। ग्रामीण और व्यक्तिगत गृह निर्माणकर्ताओं की मांग से आंशिक रूप से ही समर्थन मिला और यह सुस्ती दूर करने के लिए अपर्याप्त थी।

First Published : October 12, 2025 | 9:58 PM IST