तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अगर प्रतिबंध के कारण रूस से तेल आयात बाधित होता है, तब भी भारत को वैकल्पिक स्रोतों से तेल की जरूरतें पूरी हो जाने का भरोसा है। इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति ने चेतावनी दी थी कि अगर रूस 50 दिनों के भीतर यूक्रेन के साथ शांति समझौता करने में विफल रहता है, तो रूसी निर्यात को खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लग सकते हैं। इसके अलावा नाटो के महासचिव मार्क रूट ने बुधवार को चेतावनी दी कि अगर भारत समेत कुछ देश रूस के साथ व्यापार करना जारी रखते हैं, तो उन पर प्रतिबंधों का बहुत बुरा असर पड़ सकता है।
पुरी ने कहा कि अगर रूस से आयात में कोई समस्या आती है तो भारत अन्य देशों से तेल खरीद सकता है। उन्होंने कहा कि गुयाना जैसे तमाम नए आपूर्तिकर्ता बाजार में आ रहे हैं ब्राजील और कनाडा जैसे मौजूदा उत्पादकों से आपूर्ति हो सकती है। साथ ही भारत भी अन्वेषण व उत्पादन की गतिविधियां बढ़ा रहा है। पुरी ने कहा, ‘मैं चिंतित नहीं हूं। अगर कुछ होता है तो हम उससे निपट लेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘भारत ने तेल आपूर्ति के स्रोतों में विविधता ला दी है और मैं समझता हूं कि हम जहां पहले 27 देशों से माल खरीदते थे, अब लगभग 40 देशों तक पहुंच गए हैं।’
रूट की टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ऊर्जा की जरूरतों को सुरक्षित करना देश के लिए एक ‘सर्वोपरि प्राथमिकता’ थी और बाजार में उपलब्ध अवसरों व वैश्विक परिस्थियों के मुताबिक फैसला किया गया था। नियमित मीडिया ब्रीफिंग के दौरान प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हम इस मामले में किसी भी दोहरे मानदंड को लेकर विशेष सावधान रहेंगे।’
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन एएस साहनी ने कहा कि अगर रूस से आपूर्ति प्रभावित होती है तो कंपनी रूस संकट के पहले का तौर तरीका अपनाएगी।