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‘मुझे कोई भी चीज थाली में परोस कर नहीं मिली’, अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को राष्ट्रपति ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा

मिथुन चक्रवर्ती का असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है। उन्हें वर्ष 2022 के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

Last Updated- October 08, 2024 | 7:40 PM IST
'I did not get anything served on a plate', actor Mithun Chakraborty honored with Dadasaheb Phalke Award by the President 'मुझे कोई भी चीज थाली में परोस कर नहीं मिली', अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को राष्ट्रपति ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा

अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को मंगलवार को सिनेमा के क्षेत्र में सरकार का सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यहां विज्ञान भवन में 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के दौरान ‘मृगया’, ‘डिस्को डांसर’ और ‘प्रेम प्रतिज्ञा’ जैसी फिल्मों में अभिनय कर चुके चक्रवर्ती को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया।

तालियों की गड़गड़ाहट के बीच चक्रवर्ती (74) ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘मैं आपके आशीर्वाद से एक बार फिर इस मंच पर आया हूं। मुझे कोई भी चीज थाली में परोस कर नहीं मिली, मैंने बहुत संघर्ष किया। लेकिन आज, यह पुरस्कार प्राप्त करने के बाद, मैंने शिकायत करना बंद कर दिया है। भगवान का शुक्र है, आपने ब्याज सहित मुझे सब कुछ वापस दे दिया।’’

उन्होंने भारत भर में उभरती प्रतिभाओं के लिए भी कुछ सुझाव साझा किए। अभिनेता ने कहा, ‘‘हमारे देश में कई प्रतिभाशाली लोग हैं, लेकिन उनके पास पैसा नहीं है। मैं उनसे कहना चाहूंगा कि आपके पास पैसा नहीं हो, लेकिन उम्मीद मत खोइए। सपने देखते रहिए। सोइए लेकिन अपने सपनों को सोने मत दीजिए।’’

चक्रवर्ती का असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है। उन्हें वर्ष 2022 के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य चक्रवर्ती को तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने के कुछ महीने बाद मिला है।

अभिनेता पुणे के भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के पूर्व छात्र हैं। मिथुन ने मुख्य रूप से हिंदी और बांग्ला सिनेमा में काम किया है। मृणाल सेन की 1976 में आई फिल्म ‘मृगया’ से चक्रवर्ती ने फिल्मों में अभिनय की शुरुआत की थी जिसके लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता था।

उन्होंने 1992 की फिल्म ‘तहादेर कथा’ (सर्वश्रेष्ठ अभिनेता) और 1998 की फिल्म ‘स्वामी विवेकानंद’ (सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता) के लिए भी दो और राष्ट्रीय पुरस्कार जीते। तीन सदस्यीय निर्णायक मंडल ने चक्रवर्ती को इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए चुना। निर्णायक मंडल में अभिनेत्री आशा पारेख, अभिनेत्री-नेत्री खुशबू सुंदर और फिल्मकार विपुल अमृतलाल शाह शामिल थे।

चक्रवर्ती 1982 की सुपरहिट फिल्म ‘डिस्को डांसर’ में अपनी विशिष्ट नृत्य शैली से मशहूर हुए। उन्हें ‘आई एम ए डिस्को डांसर…’ और ‘याद आ रहा है…’ जैसे बेहद लोकप्रिय गीतों के माध्यम से भारत में डिस्को नृत्य के युग की शुरुआत करने का श्रेय दिया जाता है। यह फिल्म चक्रवर्ती की उन गिनी चुनी फिल्मों में से एक है जिससे उनके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसक बने। इसके बाद उन्होंने ‘मुझे इंसाफ चाहिए’, ‘हम से है जमाना’, ‘पसंद अपनी अपनी’, ‘घर एक मंदिर’, ‘कसम पैदा करने वाले की’ और ‘कमांडो’ जैसी कई हिट फिल्में दीं।

वर्ष 1990 में अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म ‘अग्निपथ’ में भी उनके अभिनय को काफी सराहा गया। पूर्व राज्यसभा सदस्य चक्रवर्ती 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे।

चक्रवर्ती ने 2009 से 2018 तक लोकप्रिय डांस रियलिटी सीरीज ‘डांस इंडिया डांस’ में मुख्य जज या ‘ग्रैंडमास्टर’ के रूप में भी काम किया। वर्ष 2023 में वहीदा रहमान को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

First Published - October 8, 2024 | 7:40 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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