देश की ‘आईटी कैपिटल’ कहा जाने वाला बेंगलूरु रविवार की रात हुई भारी बारिश के कारण पानी-पानी हो गया। शहर के विभिन्न हिस्सों में जलभराव ने यहां नागरिक बुनियादी ढांचे की कमजोरियां उजागर कर दीं। हर तरफ अव्यवस्था से परेशान लोगों का प्रशासन पर गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने सोशल मीडिया पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। मौसम विभाग के अनुसार शहर में पिछले 24 घंटों के दौरान लगभग 103 मिलीमीटर (मिमी) वर्षा हुई। इससे सोमवार की सुबह तक सड़कें जलमग्न हो गईं, अंडरपास डूब गए, आस-पड़ोस सब जगह पानी ही पानी नजर आ रहा था। ऑफिस आने-जाने वाली मुख्य सड़कों पर बुरी तरह जाम लग गया।
बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका के कमिश्नर महेश्वर राव ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि वर्षा से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके उत्तरी बेंगलूरु में येलाहंका, दक्षिण में सिल्क बोर्ड और राजराजेश्वरीनगर (आरआर नगर) रहे। उन्होंने कहा, ‘पिछली रात इस दशक में दूसरी बार सबसे अधिक बारिश हुई है। इससे पहले 2022 में ही रिकॉर्ड पानी बरसा था। इससे जगह-जगह भारी जलभराव हो गया। कुछ जगहों पर बुनियादी ढांचा निर्मार्ण का कार्य चल रहा है, इस कारण वहां पहले से ही ड्रेनेज लाइनें साफ नहीं थीं। इस वजह से पानी नहीं निकल पाया।’ पिछले कुछ दिनों के दौरान शहर में 15-20 सेंटीमीटर बारिश हुई। बादल फटने की घटनाओं के कारण निचले इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। जैसे महादेवपुरा जोन के अंतर्गत आने वाले होरामवु में साई लेआउट में सड़कें 4 से 5 फुट पानी में डूब गईं। प्रभावित इलाके में लोगों को पानी और भोजन वितरित किया गया है।
राव ने एक्स पर कहा कि उन्होंने बारिश के बाद साई लेआउट, मान्यता टेक पार्क और नागवारा जंक्शन जैसे जलभराव प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और आवश्यक निर्देश दिए। साई लेआउट में बार-बार होने वाली जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान किया जाएगा।’ बारिश के कारण शहर की प्रमुख सड़कों पर यातायात जाम हो गया। परेशान लोगों ने सड़कों पर पानी भरने और जाम की तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित कर नगर प्रशासन के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की। उद्यमी दिलीप कुमार ने कहा, ‘हमारे पास कैंसर का पता लगाने के लिए एआई है, बिरयानी के लिए ड्रोन डिलिवरी और पालतू जानवरों के मेडिटेशन सेशन शेड्यूल करने के लिए ऐप हैं, लेकिन अच्छी ड्रेनेज व्यवस्था नहीं है। यह देश की टेक्नॉलजी राजधानी का हाल है।’
शहर भर में कई बिजनेस पार्कों का संचालन करने वाले एक अन्य डेवलपर प्रेस्टीज ग्रुप ने कहा कि उसके पास एक मानक संचालन प्रक्रिया है, जो यह सुनिश्चित करती है कि उसके टेक पार्कों में कभी भी जलभराव की समस्या खड़ी न हो। इसके लिए सभी हितधारकों और प्रबंधन टीमों के साथ मिलकर पार्कों के आसपास की झीलों एवं नालों को नियमित रूप से साफ किया जाता है।
प्रेस्टीज एस्टेट्स, ऑफिस के कार्यकारी निदेशक और सीईओ जुग्गी मारवाह ने एक बयान में कहा, ‘शहर में कभी मेट्रो तो कभी रोडवेज और गेल गैस कनेक्शन आदि का कार्य लगातार चलता रहता है। ऐसा लगता है जैसे पूरे शहर में निर्माण कार्य ही चल रहे हैं।’ आरएमजेड ऑफिस और आरएमजेड नेक्स्ट के सीईओ तिरुमल गोविंदराज ने कहा,’आरएमजेड कॉर्प के बेंगलूरु परिसरों में बिल्कुल जलभराव प्रभाव नहीं हुआ। सभी परिसरों में व्यावसायिक संचालन निर्बाध रूप से जारी है।’