One Nation One Student ID: सरकार का ‘वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी’ प्लेटफॉर्म फरवरी में लाइव होने के लिए तैयार है, जहां विभिन्न उच्च शिक्षा निकायों (higher education bodies) के डेटा को एक पोर्टल के तहत एकत्रित किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा, देश भर के शैक्षणिक संस्थानों द्वारा प्रस्तुत डेटा को प्रमाणित करने के लिए इसके तहत एक ‘पीयर क्राउडसोर्सिंग’ सॉफ्टवेयर भी विकसित किया जा रहा है।
‘वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी’ पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 से ली गई है। इस पहल के तहत एकेडमिक प्रोग्रेस और क्रेडेंशियल्स को ट्रैक करने के लिए छात्रों, शिक्षकों के साथ-साथ प्री-प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन तक के संस्थानों को यूनिक आधार-वेरिफाइड डिजिटल आईडी जारी की जाएगी।
वर्तमान में, हायर एजुकेशन सिस्टम में 12 अंकों की यूनिक पहचान संख्या – ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (APAAR) आईडी पहल शुरू की गई है, जहां 2 करोड़ से अधिक छात्रों को आईडी जारी की जा रही है। इसे जल्द ही स्कूली छात्रों, शिक्षकों और सभी शैक्षणिक संस्थानों तक भी विस्तारित किया जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय के तहत गठित एक डिविजन, नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम (NETF) के अध्यक्ष, अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा, हालांकि आईडी जारी करना शुरू हो गया है, डिजिटल प्लेटफॉर्म जहां सभी जानकारी संग्रहित की जाएगी, फरवरी में शुरू होने जा रही है।
Also read: अंबानी को पछाड़ अदाणी बने भारत, एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति; ग्लोबल लेवल पर कौन हैं टॉप-5 अरबपति?
हायर एजुकेशन सिस्टम में संस्थानों का डेटा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), जो एक नियामक निकाय है, राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC), राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) और राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (NBA) सहित अन्य विभिन्न एजेंसियों द्वारा मेंटेन रखा जाता है।
इससे ऑटोमेटिकली मान्यता प्राप्त और रैंकिंग एजेंसियों को एक स्रोत से डेटा तक पहुंचने में मदद मिलेगी। इस स्थिति में सबसे बड़ी चुनौती इस डेटा को प्रमाणित करने की होगी जिसके लिए NETF एक ‘पीयर क्राउडसोर्सिंग’ सॉफ्टवेयर विकसित कर रहा है।