सरकार के अनुमान के अनुसार निर्यातकों की सहायता के लिए 20,000 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना के विस्तार की खातिर उसे 2,000 करोड़ रुपये आवंटित करने की आवश्यकता होगी। मामले से अवगत सूत्रों ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को निर्यातकों, खास तौर पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की सहायता के लिए 45,060 करोड़ की दो योजनाओं को मंजूरी दी थी। इसमें बैंक ऋणों पर 20,000 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी भी शामिल है।
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) के पास निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना (सीजीएसई) की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धनराशि मौजूद है। मगर सूत्रों ने बताया कि संसद के आगामी शीत सत्र के दौरान पूरक बजट में अतिरिक्त आवंटन की मांग की जा सकती है।
यह योजना एनसीजीटीसी द्वारा दिशानिर्देश जारी होने की तिथि से 31 मार्च, 2026 तक या 20,000 करोड़ रुपये की गारंटी जारी होने तक (जो भी पहले हो) लागू रहेगी। कर्ज लेने वाले प्रत्येक इकाई के लिए अधिकतम ऋण राशि 50 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।
यह योजना निर्यातकों के लिए उपलब्ध होगी और विस्तृत पात्रता मानदंड वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा तय किए जाएंगे।