प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
वैश्विक लॉजिस्टिक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी डीएचएल ग्रुप साल 2026 और 2030 के बीच भारत में अपनी कारोबारी इकाइयों में 1 अरब यूरो का निवेश करेगी। इसके लिए उसने देश की अनुकूल नीतियों, तेज आर्थिक विकास और बढ़ती प्रतिस्पर्धा का हवाला दिया है।
डीएचएल समूह के मुख्य कार्य अधिकारी तोबियास मेयर ने कहा कि इस निवेश का बड़ा हिस्सा भारत में समूह के वेयरहाउसिंग क्षेत्र के विस्तार में लगाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘यह सब हमारी वैश्विक रणनीति के लिहाज से है। हमने कई वर्षों में अपनी रणनीति विकसित की है। हमारे चार लक्ष्य हैं। हम पसंदीदा नियोक्ता, पसंदीदा प्रदाता, पसंदीदा निवेश और पर्यावरण-अनुकूल लॉजिस्टिक के पसंदीदा प्रदाता बनना चाहते हैं।’
डीएचएल वर्तमान में डीएचएल एक्सप्रेस, डीएचएल ग्लोबल फॉरवर्डिंग, डीएचएल सप्लाई चेन और ब्लू डार्ट के जरिये देश भर में लगभग 2.27 करोड़ वर्ग फुट की सुविधाओं का परिचालन करती है और वह हर साल 20 वर्ग फुट वेयरहाउसिंग क्षेत्र जोड़ रही है।
इस बहु-वर्षीय निवेश कार्यक्रम में जीवन विज्ञान और स्वास्थ्य सेवा, नवीन ऊर्जा, ई-कॉमर्स और डिजिटलीकरण जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल होंगे। योजना के तहत डीएचएल भिवंडी में डीएचएल सप्लाई चेन इंडिया के लिए डीएचएल हेल्थ लॉजिस्टिक्स हब, बिजवासन में ब्लू डार्ट के लिए देश की सबसे बड़ी कम उत्सर्जन वाली एकीकृत परिचालन सुविधा, दिल्ली में डीएचएल एक्सप्रेस इंडिया के लिए स्वचालित सॉर्टिंग केंद्र, इंदौर में डीएचएल आईटी सेवा केंद्र, चेन्नई और मुंबई में ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) और बैटरी लॉजिस्टिक उत्कृष्टता केंद्र और हरियाणा में ब्लू डार्ट के लिए कम उत्सर्जन वाला एकीकृत ग्राउंड हब विकसित करेगी।
मेयर ने कहा, ‘वैश्विक व्यापार चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन हमें भारत के गतिशील बाजार पर पूरा भरोसा है। देश की विविधीकृत रणनीति और व्यापार-अनुकूल नीतियां दीर्घकालिक निवेश के लिए ठोस आधार प्रदान करती हैं। लगभग 1 अरब यूरो के अपने निवेश कार्यक्रम के साथ हम भारत में अपने ग्राहकों के लिए विश्वसनीय तथा अधिक टिकाऊ लॉजिस्टिक समाधानों का विस्तार कर रहे हैं।
डीएचएल ग्लोबल फॉरवर्डिंग (इंडिया) के प्रबंध निदेशक एडविन पिंटो को उम्मीद है कि माल ढुलाई की दरें अगले साल थोड़े ऊंचे स्तर पर स्थिर होंगी। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल दरें निचले स्तर पर स्थिर हैं, जो उद्योग के लिए अच्छा है। हमें अगली कुछ तिमाहियों में दरों में भारी बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है। अगले साल हम माल ढुलाई की दरों में स्थिरता देखेंगे, हालांकि यह अभी की तुलना में कुछ ज्यादा होंगी।’