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खराब गुणवत्ता वाली दवाइयों के निर्यात के कारण कुछ देशों में मौत होने से देश के फार्मेसी क्षेत्र की छवि खराब होने के विपक्ष के आरोप को खारिज करते हुए सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि भारतीय फार्मा क्षेत्र की छवि दुनिया भर में बरकरार है और वह विश्व का फार्मेसी बन कर उभरा है।
वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में कहा कि पूरी दुनिया में भारत के फार्मेसी क्षेत्र की बहुत अच्छी छवि है और इसका प्रमाण भारत से दवाइयों के निर्यात में लगातार वृद्धि है। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2023 से दिसंबर 2023 के दौरान भारत से दवाइयों के निर्यात में 8.19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
पटेल ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन के बावजूद भारतीय फार्मा क्षेत्र ने दुनिया के 100 से अधिक देशों में टीकों और अन्य दवाइयों की निर्बाध आपूर्ति की। उन्होंने कहा कि मात्रा के लिहाज से भारत का फार्मा क्षेत्र दुनिया में तीसरे नंबर पर है वहीं मूल्य के मामले में यह 14वें स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि अभी भारतीय फार्मा क्षेत्र 55 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य का है और इसे 2030 तक बढ़ाकर 130 अरब डॉलर का बनाने का लक्ष्य है। मंत्री ने स्वीकार किया कि घटिया दवाइयों के निर्यात की कुछ घटनाएं हुईं जिन पर स्वास्थ्य मंत्रालय गौर कर रहा है और उसने जरूरी कदम उठाए हैं।