वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती का लाभ सही मायने में ग्राहकों को मिल सके, इसके लिए सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों पर नजर रख रही है। सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों को शिकायतें मिली हैं कि 22 सितंबर को जीएसटी कटौती लागू होने के बाद भी कुछ वस्तुओं की कीमतें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों पर बढ़ गईं। मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि कर अधिकारी 22 सितंबर से पहले और बाद की कीमतों की तुलना कर इसकी पड़ताल कर रहे हैं कि जीएसटी दरों में की गई कटौती का लाभ ग्राहकों को दिया जा रहा है या नहीं।
एक सूत्र ने कहा, ‘जीएसटी दरों में कटौती के बाद एक प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी ने शुरू में तकनीकी गड़बड़ी का हवाला देते हुए ज्यादा कीमतें दिखाईं लेकिन बाद में उन्हें ठीक कर दिया।’
सूत्रों ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों के नाम तो नहीं बताए लेकिन एक प्रमुख ई-कॉमर्स फर्म ने सार्वजनिक रूप से अपनी कार्रवाई की जानकारी दी। ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने जीएसटी स्लैब को ऑटो-अपडेट करने के लिए बैकएंड तकनीक में बदलाव किए हैं। इसके साथ ही विक्रेताओं के लिए प्रशिक्षण और वेबिनार आयोजित किए हैं और कर बचत की जानकारी के लिए ‘जीएसटी बचत उत्सव’ स्टोरफ्रंट शुरू किया है।
फ्लिपकार्ट के प्रवक्ता ने कहा, ‘ग्राहकों तक कर कटौती का लाभ पहुंचे, इसके लिए कंपनी ने कई संचार और तकनीकी उपाय किए हैं। इसके लिए विक्रेता भागीदारों को भी जागरूक किया गया है और नए जीएसटी स्लैब के स्वचालित बैकएंड अपडेट के साथ सरल विक्रेता डैशबोर्ड तैयार किया गया है जिससे उनके लिए बदलावों को अपनाना आसान हो गया है।’
कंपनी ने कहा, ‘इसके अलावा कंपनी ने विक्रेताओं के सवालों का जवाब देने के लिए प्रशिक्षण सत्र और वेबिनार आयोजित किए हैं। हम ‘जीएसटी बचत उत्सव’ नाम से समर्पित स्टोरफ्रंट पहल के माध्यम से कटौती के लाभ भी बता रहे हैं, जो ग्राहकों के लिए कर से जुड़ी बचत को दर्शाती है।’ उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) को करों में हालिया कटौती लागू होने के बाद से जीएसटी से जुड़ी लगभग 3,000 शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा, ‘हम इन शिकायतों को आगे की कार्रवाई के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) को भेज रहे हैं।’
संशोधित जीएसटी दर संरचना के तहत अधिकांश वस्तुएं या तो 5 फीसदी या 18 फीसदी जीएसटी के दायरे में आ गई हैं, साथ ही विशिष्ट श्रेणियों के लिए छूट और 40 फीसदी का एक अलग स्लैब भी है।
कुछ प्रमुख वस्तुएं जिन पर अब शून्य जीएसटी लगता है, उनमें अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर दूध, पैक किया हुआ पनीर, सभी प्रकार की भारतीय ब्रेड (रोटी, पराठा, खाखरा) और पैक्ड स्नैक्स शामिल हैं। अन्य वस्तुएं जिन पर अब 5 फीसदी कर लगता है, उनमें दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे शैम्पू, साबुन और टूथपेस्ट, शिशु देखभाल उत्पाद जैसे डायपर और फीडिंग बोतलें और थर्मामीटर तथा डायग्नोस्टिक किट जैसे चिकित्सा उपकरण शामिल हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स, उपकरण और छोटे वाहनों पर भी कर दरों में कटौती की गई है। 32 इंच से ऊपर के टेलीविजन, एयर कंडीशनर, 350 सीसी तक की मोटरबाइक और छोटी कारों पर अब 28 फीसदी के मुकाबले 18 फीसदी कर लग रहा है।
इस महीने की शुरुआत में वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय जीएसटी के फील्ड अधिकारियों को कर कटौती के प्रभाव पर नजर रखने का निर्देश दिया था। 9 सितंबर को अधिकारियों से कहा गया था कि वे 54 सामान्य रूप से उपयोग की जाने वाली वस्तुओं की कीमतों में बदलाव पर मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।