केतन चौहान उड़ान के दो घंटे पहले सुबह के 6.30 बजे दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल 2 पर पहुंच गए। उनको मुंबई जाना था। चेक इन और सिक्योरिटी में तो कोई परेशानी नहीं हुई लेकिन उन्हें टर्मिनल के अंदर आठ घंटे तक अपने विमान के आने का इंतजार करना पड़ा। दरअसल यह विलंब इसलिए हुआ कि चंडीगढ़ में मौसम बहुत खराब हो गया था।
चौहान ने शिकायत करते हुए कहा, ‘यह एक भयानक अनुभव था। हमारे विमान को सुबह 8.45 बजे उड़ान भरनी थी और इसके समय में चार बार बदलाव किया गया। इंडिगो के कर्मचारियों की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही थी। उन्होंने कहा कि यह मौसम संबंधी देरी थी। मेरे एक साथी को मुंबई से गुजरात के लिए कनेक्टिंग ट्रेन लेनी थी और वह सही समय पर नहीं पहुंच पाया।’ एक अन्य सह-यात्री ने भी कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिलने की शिकायत की। कुछ यात्री तो नए दिशानिर्देश को देखते हुए पहले ही, सुबह के 5.30 बजे के आसपास आ गए थे और वे फंसे रह गए।
जैसे ही लोगों का गुस्सा भड़का, विमानन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने बोर्डिंग गेट पर यात्रियों को शांत करने की कोशिश की। और आखिरकार सुबह 8.45 बजे के विमान ने दिल्ली से अपराह्न 3.40 बजे उड़ान भरी। एक यात्री ने कहा कि वह सुबह 4.45 बजे अपने घर से निकल गए थे ताकि हवाई अड्डे पर समय के पहले पहुंच सकें, लेकिन मुंबई पहुंचने में शाम ही हो गई। दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के सूत्रों ने कहा कि मंगलवार को हवाईअड्डे से कोई भी उड़ान रद्द या परिवर्तित नहीं की गई।
चंडीगढ़ में कम दृश्यता ने सुबह-सुबह उड़ान को बाधित कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप उस शहर में पांच प्रस्थान और चार आगमन वाली उड़ानों में देरी हुई। एयरपोर्ट निदेशक राकेश रंजन सहाय ने कहा कि सुबह 6.30 बजे शून्य दृश्यता थी। स्थिति में सुधार दिन के 11.45 बजे के बाद शुरू हुआ। चंडीगढ़ हवाईअड्डे के पास श्रेणी-1 उपकरण लैंडिंग सिस्टम है। जिसके कारण यहां न्यूनतम लैंडिंग और टेक-ऑफ दृश्यता 550 मीटर है। ऐसे में अगर दृश्यता इस मानक से कम हो तो कोई भी विमान चंडीगढ़ में न तो उड़ान भर सकता है और न ही उतर सकता है।
सहाय ने कहा कि हवाईअड्डा प्रबंधन ने कैफेटेरिया को बच्चों के भोजन का प्रबंध करने का निर्देश दिया और यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए प्रस्थान हॉल में अतिरिक्त कुर्सियों की भी व्यवस्था की। इंडिगो ने एक बयान में कहा कि उत्तर भारत में मौसम के कारण कुछ उड़ान में देरी और कुछ रद्द हुई हैं। विमानन कंपनी ने निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार प्रभावित उड़ानों के यात्रियों के लिए विकल्प की पेशकश की। चंडीगढ़ की तरह, उत्तर भारत के अन्य हवाई अड्डों पर भी यात्रियों को इसका खमियाजा भुगतना पड़ा। स्पाइसजेट ने भी यात्रियों को सूचित किया कि कानपुर में खराब मौसम के कारण सभी प्रस्थान और आगमन वाली उड़ानें प्रभावित होंगी।
बेंगलूरु में भी सुबह की उड़ानों में 30-40 मिनट की देरी हुई। रनवे में बदलाव के कारण भी देरी हुई, जिसके परिणामस्वरूप विमान के लिए टैक्सी समय अधिक हो गया। हवाईअड्डे के एक अधिकारी ने कहा कि आने वाले रास्ते में कम बादल थे और एक विमान के पायलट ने रनवे में बदलाव की मांग की। एक प्रवक्ता ने कहा कि वह बेंगलूरु हवाई अड्डे पर भीड़ को नियंत्रित करने और हवाई अड्डे पर एक सुरक्षित और बिना किसी रुकावट के उड़ानें जारी रखने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।