कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने प्रदर्शनकारी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित सभी मुद्दों पर पांचवें दौर की वार्ता के लिए आमंत्रित किया है। केंद्रीय मंत्री ने बुधवार को प्रदर्शनकारी किसानों से शांति बनाए रखने और समाधान खोजने के लिए वार्ता में शामिल होने की भी अपील की।
इस बीच, पंजाब-हरियाणा की खनौरी सीमा पर झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। किसानों के साथ झड़प में लगभग 12 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। इस घटनाक्रम के बाद किसान नेताओं ने बुधवार को ‘दिल्ली चलो’ मार्च दो दिन के लिए स्थगित कर दिया है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि वे शुक्रवार शाम को आगे की रणनीति तय करेंगे।
चौथे चरण की वार्ता विफल होने के बाद बुधवार सुबह किसानों ने हरियाणा में अंबाला के समीप शंभू और खनौरी से आगे बढ़ने की कोशिश की। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के कई गोले छोड़े। इससे अराजकता की स्थिति पैदा हो गई। इस दौरान खनौरी सीमा पर एक किसान की मौत हो गई।
किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि पीड़ित की पहचान पंजाब के बठिंडा जिले के बालोके गांव के निवासी शुभकरण सिंह (21) के रूप में की गई है। केंद्रीय मंत्री मुंडा ने कहा, ‘एमएसपी हो या फसल विविधीकरण, हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं।’
‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेताओं से देर रात तक सरकार की ओर से मिले बातचीत के ऑफर पर प्रतिक्रिया नहीं मिली थी। हालांकि सूत्रों ने बताया कि किसान नेताओं ने वार्ता को देखते हुए अपना दिल्ली कूच दो दिन टालने का फैसला किया है।
किसान भारी पोकलेन, जेसीबी, ट्रैक्टरों के साथ पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर डटे हैं। हरियाणा पुलिस ने कहा कि वे प्रदर्शन स्थल से ये भारी मशीनरी हटा लें, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर ने कहा कि ऐसे उपकरण सुरक्षा बलों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
पंजाब सरकार ने कहा कि यह दावा ‘पूरी तरह से गलत’ है कि राज्य सरकार ने सीमा पर किसानों को एकत्र होने की अनुमति दी है। यह जवाब केंद्र द्वारा प्रदर्शनकारियों के जमावड़े पर कड़ी आपत्ति जताने के एक दिन बाद आया है। (साथ में एजेंसियां)