facebookmetapixel
Q2 Results: Tata Motors, LG, Voltas से लेकर Elkem Labs तक; Q2 में किसका क्या रहा हाल?पानी की भारी खपत वाले डाटा सेंटर तटीय पारिस्थितिकी तंत्र पर डाल सकते हैं दबावबैंकों के लिए नई चुनौती: म्युचुअल फंड्स और डिजिटल पेमेंट्स से घटती जमा, कासा पर बढ़ता दबावEditorial: निर्यातकों को राहत, निर्यात संवर्धन मिशन से मिलेगा सहारासरकार ने 14 वस्तुओं पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश वापस लिए, उद्योग को मिलेगा सस्ता कच्चा माल!DHL भारत में करेगी 1 अरब यूरो का निवेश, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग में होगा बड़ा विस्तारमोंडलीज इंडिया ने उतारा लोटस बिस्कॉफ, 10 रुपये में प्रीमियम कुकी अब भारत मेंसुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के 1 किलोमीटर के दायरे में खनन पर रोकदिल्ली और बेंगलूरु के बाद अब मुंबई में ड्रोन से होगी पैकेज डिलिवरी, स्काई एयर ने किया बड़ा करारदम घोंटती हवा में सांस लेती दिल्ली, प्रदूषण के आंकड़े WHO सीमा से 30 गुना ज्यादा; लोगों ने उठाए सवाल

गुजरात के किसानों ने बनाई फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी, 3,000 किसानों को जोड़ने का लक्ष्य

इस कंपनी के तहत एक नई मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला और एक जैव उर्वरक प्रयोगशाला स्थापित की गई है।

Last Updated- September 03, 2024 | 8:27 PM IST
availability of fertilizers at affordable prices despite recent geo-political situations due to Russia - Ukraine war

गुजरात के बनासकांठा जिले के किसानों ने ‘सेव सॉइल मूवमेंट’ से प्रेरित होकर एक किसान प्रोड्यूसर कंपनी (एफपीसी) की स्थापना की है, जिसका नाम ‘बनास सेव सॉइल फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी’ (बीएसएसएफपीसी) रखा गया है।

इस कंपनी की स्थापना सद्गुरु के जन्मदिन के मौके पर की गई, जो ‘ईशा फाउंडेशन’ के संस्थापक हैं। इस कंपनी के तहत एक नई मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला और एक जैव उर्वरक प्रयोगशाला स्थापित की गई है।

कंपनी का पहला लक्ष्य 3,000 किसानों को जोड़ना है, जिसके लिए पंजीकरण आज से शुरू हो गया है। इस एफपीसी के सदस्यों को पहले साल के लिए मुफ्त में मिट्टी परीक्षण, बाद के परीक्षणों के लिए रियायती दरें, ड्रोन सेवाएं, टिकाऊ मिट्टी प्रबंधन का प्रशिक्षण और विशेषज्ञों की सलाह जैसी सुविधाएं मिलेंगी।

ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु ने अपने वीडियो संदेश में कहा, “किसान उत्पादक संगठन न केवल लोगों को पोषण प्रदान करेगा, बल्कि मिट्टी को भी समृद्ध करेगा, जिससे किसानों की आय में कई गुना बढ़ोतरी होगी।”

गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष और बनास डेयरी के अध्यक्ष शंकरभाई चौधरी ने थराद में ‘बनास मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला’, खिमाना में ‘बनास जैव उर्वरक अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला’ और एक किसान प्रशिक्षण हॉल के साथ एफपीसी का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह कंपनी और उसकी नई सुविधाएं हमारे भविष्य को स्थायी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

सेव सॉइल मूवमेंट की मुख्य तकनीकी अधिकारी प्रवीणा श्रीधर ने बताया कि एफपीसी की स्थापना के लिए सेव सॉइल बनास टीम ने थराद और लखानी तालुका के 40 गांवों के 14,492 किसानों के साथ काम किया है। उन्होंने कहा कि बनासकांठा की कठिन परिस्थितियों में यह एफपीसी मिट्टी की उर्वरता और किसानों की आजीविका को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे एक वैश्विक मानक स्थापित हो सकता है।

एफपीसी का उद्देश्य पहले चरण में 3,000 किसानों को जोड़ना है। इसके साथ ही कंपनी का लक्ष्य है कि आगामी खरीफ सीजन में मूंगफली की खेती करने वाले किसानों की आय में बढ़ोतरी हो। 40 गांवों के 911 किसानों को मूंगफली की खेती के लिए प्रशिक्षण दिया गया है।

कंपनी किसानों की इनपुट लागत को कम करने और उनकी आय को दोगुना करने के लिए मुफ्त परामर्श सेवाएं प्रदान करेगी। एफपीसी के सदस्यों को पहले साल के लिए मुफ्त मिट्टी परीक्षण, बाद के परीक्षणों के लिए रियायती दरें और टिकाऊ मिट्टी प्रबंधन का प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं मिलेंगी।

First Published - September 3, 2024 | 8:24 PM IST

संबंधित पोस्ट