प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
केरल में एक महीने से अधिक समय से फंसा यूके ब्रिटिस नौसेना का एफ-35 लड़ाकू विमान मरम्मत के बाद मंगलवार को ब्रिटेन के लिए उड़ गया। यह लड़ाकू विमान 14 जून को तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा था। खराब मौसम या तकनीकी खराबी के कारण जब यह प्रिंस ऑफ वेल्स विमानवाहक पोत पर नहीं उतर पाया तो उसे केरल की ओर मोड़ दिया गया था। यहीं इसकी मरम्मत की गई। अमेरिका में बना दुनिया के सबसे उन्नत विमानों में शामिल इस विमान की कीमत 11 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक है।
नई दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग के एक बयान में कहा गया है कि ब्रिटेन की इंजीनियरिंग टीम ने 6 जुलाई से मरम्मत और सुरक्षा जांच पूरी कर ली, जिससे विमान सक्रिय सेवा फिर से शुरू कर सका। बयान में कहा गया, ‘हम भारत के साथ अपनी रक्षा साझेदारी को मजबूत करना जारी रखने के लिए उत्सुक हैं।’
सोमवार को जेट को ‘हैंगर’ से बाहर लाकर हवाई अड्डे के ‘बे’ में रखा गया। हैंगर का मतलब एक तरह का ढांचा होता है, जहां विमान रखे जाते हैं और हवाई अड्डे का ‘बे’ एक ऐसा क्षेत्र है जहां विमानों को खड़ा किया जाता है और यात्री विमान में चढ़ते या उतरते हैं।
सूत्रों ने बताया कि लड़ाकू विमान की मरम्मत करने वाले ब्रिटेन के इंजीनियरों की 14 सदस्यीय टीम बुधवार को विशेष विमान ‘ग्लोबमास्टर’ से रवाना होगी। ब्रिटेन के लड़ाकू विमान को पूरे प्रवास के दौरान एयर इंडिया के ‘हैंगर’ में रखा गया था।