मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को छापेमारी के बाद गिरफ्तार कर लिया है।
मंगलवार की सुबह 7 बजे ईडी की टीम बालाजी के घर पहुंची थी। उसके बाद उनसे 24 घंटे तक पूछताछ की गई। तमिलनाडु के कानून मंत्री एस रघुपति ने मीडिया को इसकी जानकारी दी। पूछताछ के बाद ED ने मंत्री सेंथिल को हिरासत में ले लिया।
पुलिस कस्टडी में तमिलनाडु के बिजली मंत्री ने सीने में दर्द की शिकायत की। जिसके बाद बालाजी को चेन्नई के ओमंदुरार सरकारी अस्पताल में ले जाया गया।
बता दें कि ईडी ने मंगलवार को इरोड जिले और बालाजी के कार्यालय के अलावा उनके गृह जिले करूर में भी छापेमारी की थी। पांच साल में यह दूसरी बार हुआ है जब सेंट्रल जांच एजेंसी से जुड़े अधिकारियों ने सचिवालय के अंदर तलाशी ली है।
जांच एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि बालाजी को बाद में एक विशेष अदालत में पेश किए जाएगा। इसके साथ ही एजेंसी उनकी हिरासत की मांग भी करेगी।
इस बीच, राज्य के बिजली मंत्री पर हुई ईडी की कार्रवाई को लेकर सीएम एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
सीएम ने कहा कि ऐसा करके केंद्र सरकार अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को डराने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि बिजली मंत्री बालाजी ने जांच में पूरा सहयोग करने का वादा किया था। उसके बाद भी सचिवालय में मंत्री के कमरे की तलाशी की क्या जरूरत थी।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने घर पर राज्य के सीनियर मंत्रियों की बैठक भी बुलाई है। खबरों के मुताबिक, सीएम अपनी कानून टीम के साथ भी बैठक करेंगे।
क्या है गिरफ्तारी की वजह?
बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी समेत अन्य 46 लोगों का नाम राज्य के परिवहन विभाग में नौकरी के बदले पैसे देने के मामले में सामने आया था। बता दें कि साल 2011-16 के दौरान AIADMK शासन में बालाजी ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर थे। इन सभी के खिलाफ पुलिस ने छानबीन शुरू की थी और चार्जशीट दायर की गई। इसमें मंत्री के साथ परिवहन निगमों के कई सीनियर अधिकारी नामजद थे।
बाद में इस मामले को ईडी के हाथ सौंप दिया गया। ईडी ने बालाजी को समन भेजा था। लेकिन बालाजी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस और ED को उनके खिलाफ जांच करने की अनुमति दी थी।