Economic Survey 2024: विदेशी लोगों की अधिक आवाजाही के कारण देश का पर्यटन क्षेत्र 2023 में उभार पर रहा। संसद में सोमवार को पेश की गई आर्थिक समीक्षा 2023-24 में यह बात कही गई है। कोविड महामारी के बाद पिछले साल देश में 92 लाख विदेशी पर्यटक आए थे। इस तरह पर्यटन उद्योग में 43.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई।
देश में पर्यटन क्षेत्र बहुत तेजी से विस्तार कर रहा है। विश्व आर्थिक फोरम के यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक (टीटीडीआई)-2024 के मुताबिक पर्यटन के लिहाज से पूरी दुनिया में भारत 39वें नंबर है। समीक्षा में कहा गया है कि भारत ने पर्यटन क्षेत्र से 2.3 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अर्जित की है, जो 65.7 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि का स्पष्ट संकेत देती है।
आर्थिक समीक्षा में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि प्रर्यटन क्षेत्र में आई रौनक का असर होटल कारोबार पर भी दिख रहा है। यह क्षेत्र भी विदेशी पर्यटकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने यहां सुविधाओं के विस्तार पर जोर दे रहा है। होटल उद्योग ने 2023 में 14,000 कमरों को जोड़कर पर्यटकों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए सबसे अधिक तेजी से कदम बढ़ाया है।
इस तरह देसी होटल बाजार में कमरों की संख्या 1,83,000 हो चुकी है। इसी के साथ कमरों का प्रतिदिन किराया 6,704 रुपये से बढ़कर 7,616 रुपये हो गया है, जो वित्त वर्ष 2024 में 13.6 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्शाता है। आर्थिक समीक्षा यह भी कहती है कि अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तरह ही भारतीय यात्रा एवं पर्यटन क्षेत्र पर वैश्विक मुद्रास्फीति दबाव और महामारी से उबरने में देरी का असर देखने को मिला है।
हालांकि 2021 से अब तक कीमतों में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो अन्य प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले बहुत कम है। समीक्षा के अनुसार इस क्षेत्र ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई), संरक्षणवाद और आपूर्ति संबंधी चुनौतियों के कारण सेवा और विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए अपेक्षाकृत आसान अवसर मुहैया कराए हैं।
समीक्षा में कैपिटल इकनॉमिक्स की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा गया है कि एआई के कारण देश की सेवा निर्यात वृद्धि में गिरावट आ सकती है और इसमें अगले एक दशक में 0.3 से 04 प्रतिशत अंकों की वार्षिक स्तर पर कमी हो सकती है। आर्थिक समीक्षा ने पर्यटन सेवाओं और बुनियादी ढांचे में सुधार और कुशल कार्यबल के विकास की जरूरत पर जोर दिया है।
आर्थिक समीक्षा कहती है, ‘एआई के उदय के कारण सेवाओं में और संरक्षणवाद, परिवहन लागत और आपूर्ति संबंधी चिंताओं के कारण विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए चुनौतीपूर्ण माहौल है। इसमें पर्यटन क्षेत्र रोजगार सृजन के लिए अपेक्षाकृत आसान क्षेत्र है। भारत को इस अवसर का लाभ उठाना होगा।’
इस क्षेत्र में रोजगार को संगठित रूप देने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने अतुल्य भारत पर्यटन सुविधा प्रदाता प्रमाणपत्र कार्यक्रम शुरू किया है। इसका उद्देश्य एक डिजिटल मंच के माध्यम से देशभर में पर्यटक सुविधा प्रदाताओं का एक कुशल कैडर तैयार करना है, जो ऑनलाइन शिक्षण के अवसर और प्रमाणन पाठ्यक्रम प्रदान करता है।